जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा, हर खेत में पहुंचेगा पानी
सुपौल : किसानों की समृद्धि को लेकर सरकार द्वारा निरंतर प्रयास जारी है. सरकारी योजनाओं की समुचित जानकारी किसानों को उपलब्ध हो सके, इसे लेकर चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही जैविक खाद व सिंचाई की दिशा में भी विशेष पहल की जा रही है. उक्त बातें सरकार के कृषि मंत्री […]
सुपौल : किसानों की समृद्धि को लेकर सरकार द्वारा निरंतर प्रयास जारी है. सरकारी योजनाओं की समुचित जानकारी किसानों को उपलब्ध हो सके, इसे लेकर चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही जैविक खाद व सिंचाई की दिशा में भी विशेष पहल की जा रही है. उक्त बातें सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित अतिथि गृह में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही.
मंत्री श्री कुमार ने कहा कि हरेक खेतों तक पानी पहुंचायी जा सके, इसे लेकर जिला स्तर पर सिंचाई प्लान तैयार किया गया है. इसमे सुपौल जिला भी शामिल हैं. सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य के चार जिले पटना, नालंदा, वैशाली व समस्तीपुर के 20 हजार 173 किसानों को चिह्नित कर उन्हें 30 डिसमिल जमीन पर छह-छह हजार रुपये का सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान बनाया गया है. ताकि किसान उक्त राशि का इस्तेमाल कर जैविक खाद बना सके. साथ ही सरकार द्वारा इस कार्य को पायलट प्रोजेक्ट का नाम दिया गया है. मंत्री ने बताया कि बिहार देश का पहला राज्य होगा. जहां कृषि की दशा व दिशा को सुधारने हेतु पहल किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि उक्त प्रोजेक्ट शत प्रतिशत सफल रहा तो आगे रबी, खरीफ व गरमा तीनों फसलों में इसका उपयोग किया जायेगा. इसके साथ ही सरकार द्वारा आठ हजार पंचायतों में किसान चौपाल लगाये जाने की तैयारी की जा रही है. ताकि चौपाल कार्यक्रम के जरिये कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को सभी सरकारी योजनाओं सहित कृषि से संबंधित सभी बारीकियों की जानकारी दे सके. फसलों के उन्नत पैदावार में सिंचाई की महत्वपूर्ण योगदान रहा है. सरकार द्वारा इसे लेकर जिला स्तर पर सिंचाई प्लान तैयार किये जाने की कवायद शुरु कर दी गयी है. उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को अपने खेतों तक पानी ले जाने में अधिक खर्च करने की परेशानी ना उठानी पड़े. सरकार द्वारा विद्युत संचालित पानी की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इसके लिए घरेलू व व्यवसायिक से अलग बिजली का एक कृषि फीडर स्थापित कराया जायेगा. ताकि किसानों को कम खर्च में खेतों तक सिंचाई की व्यवस्था उपलब्ध करायी जा सके.