सुपौल : बाढ़ पूर्व तैयारी में जुटा प्रशासन, 15 से शुरू होगा कोसी का काल

सुपौल : जिले में मॉनसून प्रारंभ होने से पूर्व ही जिला प्रशासन बाढ़ से निबटने की तैयारी में जुट गया है. गौरतलब है कि सुपौल जिला का बड़ा भू-भाग हर वर्ष कोसी की बाढ़ से प्रभावित होता है. विशेष रूप से कोसी के पूर्वी व पश्चिमी तटबंध के बीच बसे लाखों की आबादी को हर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2018 6:16 AM
सुपौल : जिले में मॉनसून प्रारंभ होने से पूर्व ही जिला प्रशासन बाढ़ से निबटने की तैयारी में जुट गया है. गौरतलब है कि सुपौल जिला का बड़ा भू-भाग हर वर्ष कोसी की बाढ़ से प्रभावित होता है. विशेष रूप से कोसी के पूर्वी व पश्चिमी तटबंध के बीच बसे लाखों की आबादी को हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका व विस्थापन का दंश झेलना पड़ता है. सरकारी मापदंडों के मुताबिक हर वर्ष 15 जून से 15 अक्तूबर तक बाढ़ काल मानी जाती है. लिहाजा इस दिशा में प्रशासन द्वारा विभिन्न तरह की कार्रवाई अभी से शुरू कर दी गयी है.
इस कड़ी में तटबंधों की सुरक्षा, ऊंचे व सुरक्षित ठिकानों की पहचान, नावों की मरम्मत व पंजीयन, वर्षा मापक यंत्र की स्थापना, संकट ग्रस्त क्षेत्र व समूह की पहचान, राहत सामग्री की व्यवस्था आदि का काम प्रारंभ कर दिया गया है. दवा, पशुचारा, गोताखोर प्रशिक्षण, राहत-बचाव दल का गठन, सड़कों की मरम्मत आदि का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर कोसी में लाल पानी आने के बाद बाढ़ की संभावना के मद्देनजर प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने सुरक्षित ठिकाने की तलाश शुरू कर दी है. जरूरी सामान के साथ लोग ऊंचे स्थानों की ओर कूच करने लगे हैं.
छह प्रखंडों की 36 पंचायतें रहती हैं बाढ़ग्रस्त
जिले के छह प्रखंड बाढ़ग्रस्त हैं. इन प्रखंडों की कुल 36 पंचायत स्थित 130 गांव के लोगों को बाढ़ की पीड़ा झेलनी पड़ती है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में कुल बाढ़पीड़ित लोगों की जनसंख्या तीन लाख नौ हजार 222 है. प्रभावित प्रखंडों में सुपौल, किसनपुर, सरायगढ़-भपटियाही, निर्मली, मरौना व बसंतपुर प्रखंड शामिल हैं.
कहते हैं अधिकारी
संभावित बाढ़ मद्देनजर व्यापक तैयारी की गयी है. किसी भी प्रकार की आपदा आने पर आम जनता को परेशान होने की जरूरत नहीं है. वे सिर्फ अपनी बाढ़ पूर्व तैयारी पूर्ण रखें. प्रशासन उनके साथ हर कदम पर मौजूद रहेंगे. इस बार नाव के अलावा खाने-पीने, दवा एवं पॉलीथिन सीट की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी.
अजय कुमार झा, अपर समाहर्ता आपदा, सुपौल

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