अटल सेतु रखा जाये कोसी महासेतु का नाम: िवधायक

अटल महासेतु नामकरण की मांग को लेकर भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू के नेतृत्व में चलेगा हस्ताक्षर अभियान 24 अगस्त को कोसी महासेतु के समीप पूर्व प्रधानमंत्री स्व वाजपेयी के अस्थि कलश का होगा कोसी नदी में विसर्जन सुपौल : भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू ने कोसी महासेतु का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2018 4:39 AM

अटल महासेतु नामकरण की मांग को लेकर भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू के नेतृत्व में चलेगा हस्ताक्षर अभियान

24 अगस्त को कोसी महासेतु के समीप पूर्व प्रधानमंत्री स्व वाजपेयी के अस्थि कलश का होगा कोसी नदी में विसर्जन
सुपौल : भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू ने कोसी महासेतु का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की मांग की है. विधायक श्री बबलू ने कहा है कि कोसी क्षेत्र पर स्व वाजपेयी की हमेशा से विशेष कृपा दृष्टि रही है. इसी का परिणाम रहा कि इस इलाके को फोरलेन एनएच 57 सड़क के साथ ही कोसी महासेतु जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की सौगात मिली. उन्होंने कहा कि फोर लेन सड़क एवं महासेतु के निर्माण से सुपौल जिला के साथ ही पूरे कोसी क्षेत्र की दशा व दिशा ही बदल गयी. जिससे ना सिर्फ लोगों को आवागमन की सुविधा सुलभ हुई बल्कि क्षेत्र के विकास का द्वार भी खुल गया.
विधायक ने महासेतु का नाम अटल सेतु रखने की जोरदार मांग उठाते हुए कहा कि 24 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री स्व वाजपेयी का अस्थि कलश महासेतु के समीप कोसी नदी में प्रवाहित की जायेगी. इस मौके पर कोसी प्रमंडल के तीनों जिले के लोगों के अलावा सरकार के मंत्री व प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे. मौके पर कोसी महासेतु का नाम अटल सेतु रखने का पुरजोर अनुरोध किया जायेगा. विधायक ने कहा कि उनकी मांग तत्काल पूरी नहीं हुई तो उसी दिन से कोसी क्षेत्र में अटल सेतु नामकरण को लेकर हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ किया जायेगा. अभियान के तहत एक लाख से अधिक लोगों का हस्ताक्षर प्राप्त कर इसे प्रधानमंत्री एवं संबंधित मंत्रियों को भेजा जायेगा. ताकि महासेतु का नाम अटल सेतु रख कर पूर्व प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके. मालूम हो कि इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत एनएच 57 फोरलेन सड़क एवं कोसी महासेतु की नींव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा ही रखी गयी थी. फोरलेन सड़क निर्माण ने जिले की तस्वीर और तकदीर बदल दी. वहीं महासेतु के निर्माण से खंडित मिथिलांचल का एकीकरण हो गया.

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