सुपौल : बिहार के सुपौल में पीएचसी छातापुर में रविवार को समाज को शर्मसार करने वाला वाक्या हुआ है. दुष्कर्म पीड़िता 15 वर्षीया नाबालिग ने एक नवजात बच्ची को जन्म देकर समाज को सोचने के लिए मजबूर कर दिया. बच्ची को जन्म देने के बाद बिन ब्याही मां ने कहा कि इस बच्ची का व पालन पोषण करेगी और उसे उसके पिता का नाम देने के लिए वह न्यायालय के शरण में जायेगी. हालांकि, बच्ची के जन्म लेने के बाद उसके भविष्य को लेकर पीड़िता के परिजन चिंतित दिखे. उसके भविष्य को लेकर न्याय की गुहार लगाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.
पीड़िता के अनुसार पड़ोसी युवक सुभाष कुमार ने बीते साल जबरन दुष्कर्म किया था. युवक के माता पिता से जब इसकी शिकायत की गयी थी तो दोनों ने शादी का प्रलोभन दिया गया था. लेकिन, बाद में युवक के परिजन शादी से मुकर गये. वहीं, आरोपित युवक शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण करते रहे. बताया कि जब चार महीने का गर्भ ठहरा तो युवक ने भी शादी से इन्कार कर दिया. परिजनों की मानें तो बीते वर्ष अगस्त माह में महिला थाना सुपौल में कांड संख्या 104/18 प्राथमिकी दर्ज कार्रवाई गयी थी. इसके बाद आरोपित युवक सुभाष सहित उसके भाई संजीव सरदार और माता पिता के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने पिता महेन्द्र सरदार और भाई संजीव सरदार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. जो आठ दिन बाद ही जेल से बाहर आ गये. इसके बाद से आरोपितों द्वारा लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है.
बताया कि आशंका है कि न्यायालय में साक्ष्यको छुपाने की नियत से नवजात की हत्या भी हो सकती है. चूंकि आरोपित युवक गांव में अभी भी छुट्टा घूम रहा है. पीएचसी में नवजात बच्ची की स्वास्थ्य जांच कर रहे चिकित्सक ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ्य है. पूछने पर थानाध्यक्ष अनमोल कुमार ने बताया कि जच्चा और बच्चा की सुरक्षा के लिए पीड़िता के परिजनों द्वारा आवेदन दिया गया है. आवेदन के आलोक में सुरक्षा को लेकर पुलिस अग्रेतर कार्रवाई कर रही है.