सुपौल/मधेपुरा : जिले में अपराधी बेलगाम हो गये हैं. यही कारण है की आये दिन गोली मारकर हत्या कर देने का मामला सामने आता रहता है. लेकिन, देर रात जो घटना घटी है, उससे तो यही प्रतीत होता है कि अपराधी बेलगाम ही नहीं बल्कि उसका मनोबल भी काफी बढ़ गया है. उसे ना तो पुलिस का खौफ है और ना ही प्रशासन का. दरअसल ये खौफनाक और दिल दहला देने वाली घटना सिर्फ प्याज नहीं देने पर चाउमिंग दुकानदार को गोली मार मौत के घाट उतार कर की गयी है. जिससे आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैला दिया है.
ये खौफनाक घटना लौकहा ओपी क्षेत्र के लतराहा गांव में घटी है. जहां नवाह-संकीर्तन के मौके पर एक जनवरी से मेले का आयोजन किया गया था. अपनी रोजी रोटी के लिए उसी मेले मे मधेपुरा जिला के गम्हरिया थाना क्षेत्र के कमलजड़ी का रहने वाला बलराम पासवान चाऊमिंग का दुकान कर रहा था.
प्याज के कारण घटी घटना
घटना के वक्त मौजूद मृतक के बेटे ने बताया कि देर रात मेले में करीब 11 बजे अपाचे पर सवार होकर तीन लोग चाऊमिंग दुकान पर आये और उसके पिता बलराम पासवान से मीट बनाने के लिए प्याज मांगा. जब उसके पिता ने प्याज देने से इन्कार किया तो तीनों ने बहस शुरू कर दिया. इसी बीच दोनों में बहस शुरू हो गयी. तभी डोमी साह ने उसके पिता को पिस्टल से गोली मार दिया. जिसके बाद उसके पिता लहूलुहान होकर गिर गये. गोली चलने से अफरातफरी का माहौल हो गया. लेकिन, घटना के बाद लोग दौड़कर वहां पहुंचे और घायल बलराम को परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही लौकहा पुलिस भी स्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया.
जमीन विवाद भी है घटना का कारण
इस बाबत मृतक की पत्नी कलावती देवी ने बताया कि उसके गांव कमलजरी का ही तीनों आरोपी है. जिसमें डोमी साह, पंकज साह और जय नारायण साह शामिल है. चूंकि आरोपी से पूर्व से ही जमीन का झगड़ा चल रहा है और इस बात को लेकर बुधवार को पंचायत भी हुई थी. जिसमें कई गांव के पंचों ने भाग लिया था. उन्होंने कहा कि इसी रंजिश मे उसके पति की हत्या की गयी है. घटना के बाद परिजनों मे मातम पसरा हुआ है. इस बाबत ओपी अध्यक्ष बैजू कुमार ने मृतक की पत्नी कलावती देवी का फ़र्द बयान लेकर तीनों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है और आरोपी की तलाश के लिए छापेमारी शुरू कर दी गयी है.
सुख चुके मृतक के पत्नी की आंसू
पति के मौत का सदमा उसकी पत्नी कलावती देवी बर्दाश्त नहीं कर रही है. रह-रह कर उसके आंखों के आगे अंधेरा छा रही है. रुंधे गले से सिर्फ इतना कह पायी कि काश उसका पति उसे प्याज दे देता तो उसकी जान बच सकती थी. इतना कहते ही वो बेहोश हो जाती है. बगल में खड़े छोटे बेटे ने मां का हौसला बढ़ाया शायद ये कह रहा होगा कि नियति को यही मंजूर था. उसे ये पता नहीं की उसके सिर से उसके बाप का साया सिर्फ प्याज के लिए उठ गया. अब कौन उसके पढ़ाई लिखाई का भार उठायेगा. कौन उसके हर वायदे को पूरा करेगा. आस-पास के लोग भी यही सोच कर हैरान है कि अब इन नौनिहालों का कौन पालन पोषण करेगा. मेला गया था रोजी रोटी के लिए मिली मौत.
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