अर्हता पूरी नहीं करने वाले चिकित्सालय और फर्जी पैथोलॉजी अब भी हैं कार्यरत
राघोपुर : लाख कोशिश के बावजूद भी फर्जी चिकित्सालय एवं फर्जी पैथोलॉजी संचालक अपना-अपना गोरख धंधा बंद नहीं कर पाया. विभागीय आदेशानुसार जिले के सभी फर्जी चिकित्सालय एवं फर्जी पैथोलेब जो सरकारी मानक को पूरा नही कर रहे है, को बीते 31 मार्च तक बंद करवाया जाना था. लेकिन विभागीय आदेशानुसार जिले के सिर्फ राघोपुर […]
राघोपुर : लाख कोशिश के बावजूद भी फर्जी चिकित्सालय एवं फर्जी पैथोलॉजी संचालक अपना-अपना गोरख धंधा बंद नहीं कर पाया. विभागीय आदेशानुसार जिले के सभी फर्जी चिकित्सालय एवं फर्जी पैथोलेब जो सरकारी मानक को पूरा नही कर रहे है, को बीते 31 मार्च तक बंद करवाया जाना था.
लेकिन विभागीय आदेशानुसार जिले के सिर्फ राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में संचालित कुल 12 चिकित्सालय एवं फर्जी पैथोलॉजी तय समय बीत जाने के वाबजूद भी नही बंद हो पाया. जो सरकारी आदेश की खुल्लम खुल्ला धज्जियां उड़ा रही है.
बता दें कि जिन 12 चिकित्सालय एवं पैथोलेब को बंद किया जाना था उसमें आरसी मेमोरियल, लाइफ केयर अस्पताल, कुमार ऑर्थोपेडिक एंड ट्रामा सेंटर, माया नर्सिंग होम, डॉ अनिता कुमारी क्लिनिक, नेशनल पैथोलॉजी, भारत पैथोलॉजी, देव पैथोलॉजी, एडभान्स पैथोलॉजी,वर्षा पैथोलॉजी आदि शामिल है.
विभागीय निर्देशानुसार सिविल सर्जन सुपौल ने गत 26 मार्च को रेफरल अस्पताल राघोपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को एक स्मार पत्र जारी कर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण से प्राधिकार या सहमति प्राप्त नही रहने वाले सभी स्वास्थ्य उपचार केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया गया था. लेकिन राघोपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उस आदेश का पालन नहीं कर सके, जो सरकारी आदेश का खुल्लम खुल्ला अवहेलना माना जा सकता है.
ज्ञात हो कि स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव डॉ राजीव कुमार ने जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 का अनुपालन नहीं किए जाने तथा बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद से प्राधिकार या सहमति प्राप्त नहीं रहने वाले स्वास्थ्य उपचार केंद्रों को बंद करने का आदेश सिविल सर्जन सुपौल को दिया था.
जिसके आलोक में सिविल सर्जन सुपौल ने 26 मार्च को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राघोपुर को स्मार पत्र जारी कर ऐसे संस्थानों को 31 मार्च 2019 तक बंद कराने का निर्देश दिया था.
जिसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राघोपुर ने नामित सभी क्लिनिक एवं पैथोलॉजी को आदेश जारी कर बंद करने का निर्देश जारी किया था. लेकिन तय समय बीत जाने के बाबजूद भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के इस आदेश का अनुपालन नही किया गया है.
कहते हैं पदाधिकारी
वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दीप नारायण राम ने बताया कि चुनाव प्रशिक्षण कार्य में रहने के कारण इस आदेश का अनुपालन करने में थोड़ी विलंब हुई है. उन्होंने बताया कि वैसे खुले रहने का एक वजह ये भी हो सकता है संचालकों ने प्रदूषण का प्रमाणपत्र बनवा लिया हो.