योजनाओं में गड़बड़ी मामले में पांच लोगों पर गाज गिरना तय

सुपौल : सदर प्रखंड के गोठबरूआरी पंचायत में विभिन्न योजनाओं में उजागर हुई अनियमितता एवं गबन मामले में पांच लोगों पर प्राथमिकी के बाद अब नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है. जिनमें पंचायत के तत्कालीन पंचायत सचिव विनोद नारायण पाठक, सोलर लाइट आपूर्तिकर्ता मो जियाउल्लाह, तत्कालीन कनीय अभियंता हरिवंश सिंह, सोलर लाइट आपूर्तिकर्ता गावेंद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2019 7:28 AM

सुपौल : सदर प्रखंड के गोठबरूआरी पंचायत में विभिन्न योजनाओं में उजागर हुई अनियमितता एवं गबन मामले में पांच लोगों पर प्राथमिकी के बाद अब नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है. जिनमें पंचायत के तत्कालीन पंचायत सचिव विनोद नारायण पाठक, सोलर लाइट आपूर्तिकर्ता मो जियाउल्लाह, तत्कालीन कनीय अभियंता हरिवंश सिंह, सोलर लाइट आपूर्तिकर्ता गावेंद्र कुमार सिंह एवं तत्कालीन मुखिया रामलखन कामत शामिल हैं.

जिलाधिकारी महेंद्र कुमार द्वारा इस बाबत जारी पत्र के मुताबिक तत्कालीन पंचायत सचिव विनोद नारायण पाठक पर 16 लाख 30 हजार 190 रुपये की वसूलनीय राशि के लिए नीलाम पत्र वाद 409/219, सोलर लाइट आपूर्तिकर्ता मो जियाउल्लाह के विरुद्ध वसूलनीय राशि 02 लाख 04 हजार के लिए नीलाम पत्र वाद 410/2019, तत्कालीन कनीय अभियंता हरिवंश सिंह के विरुद्ध वसूलनीय राशि 01 लाख 05 हजार 350 हेतु नीलाम पत्र वाद 411/2019, सोलर लाइट आपूर्तिकर्ता गावेंद्र कुमार सिंह पर वसूलनीय राशि 07 लाख 69 हजार 650 रुपये को लेकर नीलाम पत्र वाद 412/2019 एवं तत्कालीन मुखिया रामलखन कामत पर वसूलनीय राशि 16 लाख 25 हजार 910 रुपये के लिए नीलाम पत्र वाद संख्या 413/2019 दायर किया गया है.
इसके अलावा तत्कालीन पंचायत विकास पदाधिकारी आर्य गौतम के विरुद्ध आरोप पत्र प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई हेतु सचिव ग्रामीण विकास विभाग बिहार पटना को भेजा गया है.
क्या है मामला
मालूम हो कि गोठबरूआरी पंचायत में विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन में वित्तीय अनियमितता की शिकायत आरटीआइ कार्यकर्ता विद्यापुरी वार्ड नंबर 02 निवासी अनिल कुमार सिंह द्वारा की गयी थी. मामले में त्रिस्तरीय जांच कमेटी द्वारा मामले की जांच की गयी थी.
जिसमें 43 लाख 35 हजार 820 रुपये वसूलनीय बताया गया था. जांच टीम ने योजना के कार्यान्वयन में बरती गयी अनियमितता, प्राक्कलन से अधिक राशि अग्रिम लेने, विपत्र में कोई वैधानिक कटौती नहीं करने, बिहार वित्त नियमावली का घोर उल्लंघन करने तथा योजना में घटिया सामग्री प्रयोग करने व प्राक्कलन तैयार करते समय एवं कार्य पूर्ण होने के पूर्व ही मापी पुस्त संधारण आदि का आरोप लगाया था. साथ ही विधि सम्मत कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
प्रधान सचिव ने दिया था कार्रवाई का आदेश
मामले में अपीलार्थी अनिल कुमार सिंह द्वारा द्वितीय अपीलिय प्राधिकार में शिकायत दर्ज की गयी थी. जिसकी सुनवाई के बाद पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा था कि इस मामले में प्रथम अपीलीय प्राधिकार द्वारा गत वर्ष 09 जुलाई 2018 को प्रथम अपील निष्पादित करते हुए जिला पदाधिकारी को मामले के संज्ञान में लाते हुए जांच करा कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. आदेश का अनुपालन नहीं होने के कारण आवेदक द्वारा द्वितीय अपील दायर किया गया.
जिसकी सुनवाई 20 मार्च 2019 को हुई. जिसमें आदेश दिया गया था कि सरकारी राशि के गबन मामले में जिला पदाधिकारी को कानूनी कार्रवाई एवं राशि की वसूली हेतु निर्देश दिया गया था. द्वितीय अपील प्राधिकार ने अपने निर्णय में माना कि प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा सरकारी राशि के गबन को छुपाने का प्रयास किया गया.
इस संबंध में बीडीओ के विरुद्ध 09 महीने गुजर जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी. जिला पदाधिकारी ने 03 जनवरी 2019 को राशि की वसूली हेतु नीलाम पत्र तथा प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश बीडीओ को दिया था. जिसका अनुपालन प्राप्त नहीं हुआ.प्रधान सचिव ने जिला पदाधिकारी को संपूर्ण कार्रवाई कर अनुपालन प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया था. वहीं इस मामले को बीपीएसएम द्वारा टेस्ट के रूप में अध्ययन कराने की बात कही थी.
डीएम ने प्रेषित किया अनुपालन प्रतिवेदन
जिला पदाधिकारी महेंद्र कुमार ने द्वितीय अपीलीय प्राधिकार सह पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को इस मामले में की गयी कार्रवाई से अवगत कराया है. उन्होंने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा 06 मई 2019 को गोठबरूआरी पंचायत के तत्कालीन मुखिया, तत्कालीन पंचायत सचिव, सोलर लाइट आपूर्तिकर्ता एवं कनीय अभियंता के विरुद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कर दी गयी है.
जिसका कांड संख्या 305/19 है. वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी के पत्रांक 1557-2 दिनांक 27 मई 2019 द्वारा अग्रिम राशि 43 लाख 35 हजार 820 रुपये की वसूली हेतु नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है. जबकि तत्कालीन बीडीओ आर्य गौतम के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई संचालन हेतु ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को भेजा गया है.

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