कोसी के जलस्तर में आयी कमी, घरों में पानी घुसने से पीड़ितों की समस्या अब भी बरकरार

सुपौल : नेपाल के तराई क्षेत्र में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का खेल जारी है. हालांकि गुरुवार को कोसी के जलस्तर में कमी आयी है. अपराह्न 04 बजे वीरपुर बराज पर कोसी का डिस्चार्ज 01 लाख 69 हजार 655 क्यूसेक दर्ज किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2019 7:22 AM

सुपौल : नेपाल के तराई क्षेत्र में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का खेल जारी है. हालांकि गुरुवार को कोसी के जलस्तर में कमी आयी है. अपराह्न 04 बजे वीरपुर बराज पर कोसी का डिस्चार्ज 01 लाख 69 हजार 655 क्यूसेक दर्ज किया गया. जो पानी में कमी आने का संकेत दे रहा था. इधर बारिश के वजह से गत दो दिनों तक नदी का जलस्तर बढ़ने से तटबंध के भीतर कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया.

मरौना प्रखंड के सिसौनी, बड़हारा व घोघड़रिया पंचायत अंतर्गत तटबंध के भीतरी हिस्सों में बसे खुखनाहा, जोबहा, बेला टोला, सिसौनी छींट, औरहा सहित कई गांवों में कोसी नदी का पानी लोगों के घर-घर में घुस चुका है. वहीं निर्मली प्रखंड के झौरा, मौरा व लगुनियां में भी कोसी नदी का प्रकोप जारी है. बाढ़ के दौरान जो परिवार बेघर हुए हैं, वे अभी भी प्लास्टिक के सहारे तटबंध पर व कास-पटेर के बीच छींट पर शरण लेने को विवश हैं.
विस्थापित तेजनारायण कामत, परशुराम कामत, बलराम कामत, रामचन्द्र कामत, विष्णुदेव कामत, चन्द्रदेव कामत आदि ने बताया कि उनके घरों में पानी घुस गया है. सरायगढ़ प्रखंड में ढ़ोली, सियानी, कटैया, भुलिया, लौकहा, सनपतहा सहित कई इलाके में पानी फैल गया है. किसनपुर प्रखंड में नदी की पानी से परसामाधो पंचायत का वार्ड नंबर 11 एवं 12, मौजहा पंचायत का वार्ड नंबर 07, 08, 13, 14 प्रभावित हुआ है. थरबिट्टा से मौजहा जाने वाली सड़क पीरबाबा स्थान के पास टूट गया है.
लोग नाव से पार कर रहे हैं. मौजहा पंचायत के पश्चिमी भाग, पीरगंज, मोमनी टोला, ठाढ़ीधता, सुजानपुर, बुढ़िया डीह, सिसबा, पंचगछिया, बुरजा, अड़हा, सोनवर्षा, ऐकडेरा सहित अन्य कई गांव में पानी घुस गया है. पूर्वी कोशी तटबंध के 12.37 से 25 किलोमीटर तक नदी तटबन्ध के करीब बह रही है. इसमें 20.20 के पास नदी पूरी तरह तटबंध करीब से बह रही है.
जो आसपास के लोगो को डरा रही है. एकाएक हुई जलस्तर में वृद्धि के परिणाम स्वरूप पूर्वी कोशी तटबंध के अंदर बसे गांव छतौनी, गोबरगडहा, परसाही, चोदीप, डुमरी मिलिक आदि गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
कई बिन्दुओं पर चल रहा फ्लड फाइटिंग कार्य
कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद भीमनगर स्थित बराज के 56 में से 35 फाटक खोले गये हैं. कौशिकी भवन के कंट्रोल रूम से गुरुवार को दिये खैरियत प्रतिवेदन के अनुसार सुपौल डिवीजन के बढ़ते जलस्तर से 59•.35, 66.•66, और 82•.50 स्थित स्पर पर ओवरफ्लो होने के कारण फ्लड फाइटिंग काम जारी है. भारी वर्षा होने के कारण तटबंध के 40 से 84 किमी के बीच सभी जगह रेनकट हो गये है. जिसकी मरम्मत कार्य कराया जा रहा है.
कहते हैं एसडीएम
निर्मली एसडीएम नीरज नारायण पांडेय ने बताया कि बराह क्षेत्र में अत्यधिक बारिश के कारण कोसी नदी में जलस्तर में वृद्धि हुई थी. बुधवार के रात से जलस्तर में कमी आयी है. बाढ़ में फंसे परिवारों को सुरक्षित स्थानों तक लाने एवं राहत प्रदान करने हेतु निर्देश दिया गया है. साथ ही सरकारी के अलावे निजी स्तर पर नाव बहाल किया गया है.
जान जोखिम में डाल कर नदी में बह रही लकड़ी को पकड़ते हैं लोग
वीरपुर : कोशी नदी में जलस्तर में हुई एकाएक वृद्धि के उपरांत बहकर आ रही लकड़ी को खतरनाक तरीके से लोग सोमवार से ही लकड़ी पकड़ने में लगे है. महिला, पुरुष एवं बच्चे इसमे लकड़ी पकड़ते दिखाई दिये. पूर्वी कोशी तटबन्ध के 11.70, 12.37 आदि किलोमीटर स्पर के पास लोग जान जोखिम में डालकर लकड़ी पकड़ते देखे गये. जबकि इन स्पर पर बजाप्ता गार्ड नियुक्त है.
मालूम हो कि लकड़ी पकड़ने के दौरान पूर्व में 03 लोग अब तक जान गंवा चुके हैं. इसके बावजूद इस पर रोक नहीं लग पाई है. सवाल है कि जब उनको सुरक्षा में तैनात सुरक्षा गार्ड भी नहीं रोकेंगे तो कौन रोकेगा. इस संबंध में जब बसंतपुर सीओ विद्यनानंद झा से पूछा गया तो उनका कहना था कि गार्ड को उन्हें रोकना चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते है तो उनसे पूछा जायेगा.
भारी बारिश से घरों में घुसा पानी, पंपसेट से की जा रही निकासी
बलुआ बाजार. गत दो-तीन दिनों से हुई भारी बारिश से छातापुर प्रखंड अन्तर्गत लक्ष्मीनियां पंचायत के ललितग्राम वार्ड नंबर 13 में गांव के बीचो बीच जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. ग्रामीणों ने बताया कि सूबे के मुखिया नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना में गली-नाली योजना के तहत नाली निर्माण नहीं होने की वजह से यहां के लोगों को यह परेशानी उठानी पड़ रही है.
ग्रामीणों में नाराजगी इस बात को लेकर है कि अगर लक्ष्मीनियां वार्ड नंबर 13 में नाली का निर्माण किया होता तो आज यहां के ग्रामीणों को घर से पंप सेट के द्वारा पानी निकालने की नौबत नहीं आती. ग्रामीणों ने बताया कि ललितग्राम रेलवे स्टेशन पर मिट्टी भराई कार्य होने के कारण पानी की निकासी पूरी तरह बंद हो चुकी है. मिट्टी भराई कार्य होने से अगल-बगल में बड़ा गड्ढा बन जाने से जानमाल की क्षति होने की संभावना भी बनी हुई है.

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