महागठबंधन ने शहर में निकाला आक्रोश मार्च

सुपौल : बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, विधि-व्यवस्था, बेरोजगारी आदि की समस्या को लेकर राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत महागठबंधन व वामदलों के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को शहर में आक्रोश मार्च निकाला. गांधी मैदान से निकला आक्रोश मार्च शहर के विभिन्न चौक-चौराहों का भ्रमण करते समाहरणालय द्वार पहुंच कर समाप्त हुआ. इसके बाद आक्रोश मार्च में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2019 7:39 AM

सुपौल : बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, विधि-व्यवस्था, बेरोजगारी आदि की समस्या को लेकर राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत महागठबंधन व वामदलों के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को शहर में आक्रोश मार्च निकाला. गांधी मैदान से निकला आक्रोश मार्च शहर के विभिन्न चौक-चौराहों का भ्रमण करते समाहरणालय द्वार पहुंच कर समाप्त हुआ.

इसके बाद आक्रोश मार्च में शामिल विपक्षी दल के वरीय कार्यकर्ताओं ने महामहिम राज्यपाल के नामित 09 सूत्री मांग पत्र जिला पदाधिकारी को सौंपा. आक्रोश मार्च में शामिल कार्यकर्ताओं ने राज्य व केंद्र सरकार के गलत नीति के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की. डीएम को सौंपे ज्ञापन में बिहार की शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था को शीघ्र दुरुस्त करने की मांग की है.
साथ ही सिंचाई, गिरती विधि-व्यवस्था को अविलंब सुधारने की मांग की गयी है. साथ ही बढ़ते बेरोजगारी पर शीघ्र रोक लगा कर रोजगार सृजन करने, रेलवे सहित सरकारी संस्थाओं के निजीकरण पर रोक लगाने, सरायगढ़ प्रखंड मत्स्यजीवी के मंत्री महेंद्र मुखिया के साथ बदसलूकी किये जाने वाले मत्स्य पदाधिकारियों नागेंद्र कुमार को निलंबित करने की मांग की है.
वहीं जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री कुमार के अवधि में सरकार द्वारा चलाये जा रहे सभी योजनाओं की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग शामिल है. जिला अंतर्गत अबंदोबस्त जलकर, पोखर, झील आदि को अविलंब मत्स्य विभाग में स्थानांतरण करने की मांग की है. ताकि मत्स्यजीवी के मत्स्य पालकों को इसका लाभ मिल सके.
आक्रोश मार्च में रालोसपा जिलाध्यक्ष धर्मपाल कुमार, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रो विमल कुमार यादव, राजद के जिला कार्यकारी अध्यक्ष प्रो राजेंद्र प्रसाद यादव, राजद जिला प्रवक्ता अनोज कुमार आर्य उर्फ लव यादव, राजेश्वर मुखिया, छाया रानी, अर्जुन प्रसाद मेहता, विमल कुमार यादव, विजय कुमार यादव, रामनाथ मंडल, एम इजहार, लक्ष्मी नारायण मेहता, मो जमीन अनवर समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे.

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