ठंड ने दी दस्तक, धुंध व कुहासे से धीमी हुई वाहनों की रफ्तार

सुपौल : दिसंबर माह का पहला पखवाड़ा बीतते ही मौसम का मिजाज बदलने लगा है. बुधवार की सुबह से ही आसमान में धुंध और कुहासे का कहर शुरू हो गया है. हालांकि दिन में हल्की धूप खिली थी. हवा में बढ़ी तीव्रता के कारण ठंड में भी महसूस की जा रही है. वहीं गुरुवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2019 7:50 AM

सुपौल : दिसंबर माह का पहला पखवाड़ा बीतते ही मौसम का मिजाज बदलने लगा है. बुधवार की सुबह से ही आसमान में धुंध और कुहासे का कहर शुरू हो गया है. हालांकि दिन में हल्की धूप खिली थी. हवा में बढ़ी तीव्रता के कारण ठंड में भी महसूस की जा रही है. वहीं गुरुवार को सुबह करीब 09 बजे तक सड़कों पर कुहासा छाया रहा. वहीं दिन में भी कुछ ही देर सूर्यदेव के दर्शन हुए.

बांकी पूरा दिन धुंध व कुहासे का प्रकोप रहा. जिसके कारण सड़कों पर आवागमन काफी सुस्त रहा. धुंध व कुहासे के कारण बाइक व मोटर वाहन चालक हेड लाइट जला कर वाहन चलाते नजर आए. पहाड़ों में हुई बर्फबारी व हवा की गति में तेजी के कारण पूस माह शुरू होने से पूर्व ही ठंड ने अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया है.
हल्की बारिश व ठंड में बढ़ोतरी की संभावना
दिसंबर माह प्रारंभ होते ही तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. गुरुवार को जिले का अधिकतम तापमान 26 एवं न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग द्वारा जारी सूचना के मुताबिक शुक्रवार एवं शनिवार को हल्की बारिश एवं ठंड में बढ़ोतरी की संभावना जतायी गयी है. वहीं सोमवार से ठंड में और भी बढ़ोतरी होगी.
रबी फसल को मिलेगा लाभ
बदलते मौसम व ठंड में बढ़ोतरी के कारण किसानों के चेहरे भी खिलने लगे हैं और उन्हें गेहूं व रबी के अन्य फसलों की बेहतर उपज की संभावना नजर आने लगी है. कई किसानों ने बताया कि कोसी के इस इलाके में मुख्य रूप से धान व गेहूं की फसल होती है. लेकिन गेहूं की बेहतर पैदावार के लिये इसकी बुआई के समय कम से कम एक-डेढ़ महीने तक ठंड व कुहासे का मौसम होना जरूरी है.
बीपी मरीज रहें सावधान : डॉ शांति भूषण
ठंड के दस्तक देते ही कई तरह की बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ गयी है. खास कर सर्दी, बुखार जैसी समस्याएं बढ़ी है. वहीं छोटे बच्चों में कोल्ड डायरिया व निमोनिया की शिकायतें भी मिलने लगी है.
शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ शांति भूषण ने ठंड के मौसम में बरतने वाली विशेष सावधानियों के संबंध में बताया कि जाड़े के मौसम में स्ट्रोक की शिकायत बढ़ती है. इसलिए खास तौर पर बीपी व सुगर के रोगियों को सावधान रहना चाहिए. मॉर्निंग वाक करने वाले लोगों को भी सुबह सूर्य निकलने के बाद ही टहलने जाना चाहिए. रक्तचाप व सुगर के रोगियों को बराबर जांच कराते रहना चाहिए.
कहा कि ठंड में पाचन शक्ति बेहतर होने के कारण कई लोग ओभर इटिंग के शिकार हो जाते हैं. जिससे उनकी समस्याएं बढ़ जाती है. बुजुर्ग व बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. नहाते समय सबसे पहले सर पर ठंडा पानी नहीं लेकर पैर की ओर से स्नान प्रारंभ करना चाहिए.
गर्म कपड़ों की बढ़ी खरीदारी
बढ़ी ठंड की वजह से बाजार में भी चहल-पहल कम हो गयी है. वहीं गर्म कपड़ों के बाजार में भी तेजी आनी शुरू हो गयी है. रेडिमेड दुकानों के अलावा सड़क किनारे अवस्थित छोटे-मोटे दुकानों पर भी बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपने व बच्चों के लिये स्वेटर, टोपी, जैकेट आदि खरीदते नजर आए. दुकानदारों ने भी मौसम के बदलते ही तरह-तरह के गर्म कपड़े दुकानों के आगे सजा लिया है.

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