गैंगरेप के 25 साल पुराने मामले में 4 दोषी करार, पीड़िता ने काट लिया था पूर्व विधायक का नाजुक अंग
सुपौल:बिहार के सुपौल में त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 25 साल पहले गैंगरेप में कोर्ट ने पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार समेत चार अन्य आरोपित को दोषी माना. सजा के बिंदु पर बहस 31 जनवरी को होगी. इसमें से एक आरोपित की मौत हाे चुकी है. सोमवार को एडीजे तीन रविरंजन मिश्र की […]
सुपौल:बिहार के सुपौल में त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 25 साल पहले गैंगरेप में कोर्ट ने पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार समेत चार अन्य आरोपित को दोषी माना. सजा के बिंदु पर बहस 31 जनवरी को होगी. इसमें से एक आरोपित की मौत हाे चुकी है. सोमवार को एडीजे तीन रविरंजन मिश्र की अदालत ने सत्रवाद संख्या 36/95 की सुनवाई करते हुए सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित शंभू सिंह, भूपेन्द्र यादव, योगेन्द्र नारायण सरदार (पूर्व विधायक) और उमा सरदार को दोषी करार दिया है.
त्रिवेणीगंज थाने में दर्ज केस में सभी आरोपितों पर एक लड़की से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप है. कोर्ट ने मामले में पीड़िता ने त्रिवेणीगंज थाने में केस दर्ज कर शंभू सिंह, भूपेन्द्र सरदार, योगेन्द्र नारायण सरदार, उमा सरदार, रामफल यादव और हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा को नामजद किया था. इसमें से एक आरोपित रामफल यादव की मौत हो चुकी है. हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा फरार चल रहे हैं. मामले में अभियोजन पक्ष से 11 और बचाव पक्ष से 7 लोगों की गवाही हुई थी. विधायक जनता दल से त्रिवेणीगंज के विधायक थे.
क्या था मामला
16 नवंबर 1994 की रात पीड़िता अपनी मां के साथ सोई हुई थी. इसी बीच पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार, शंभू सिंह, उमा सरदार और भूपेन्द्र यादव सहित दो-तीन अज्ञात मिलकर रात करीब 12 बजे पीड़िता के घर आये और लड़की का हाथ-मुंह बांधकर जीप से लेकर चले गये. आरोपितों ने एक कमरे में ले जाकर बारी-बारी से उसका रेप किया. दुष्कर्म के दौरान लड़की ने पूर्व विधायक के नाजुक अंग को काट लिया था. इसके बाद दुष्कर्मियों के चंगुल से भागकर किसी तरह अपने घर आयी और परिजनों को आपबीती सुनायी. लड़की की मेडिकल जांच करायी गयी.
19 नवंबर 1994 को पीड़िता के बयान पर त्रिवेणीगंज थाने में केस दर्ज कराया था. उस समय हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच हुई थी. इसमें डॉक्टरों ने रिपोर्ट में धारदार से हथियार कर नाजुक अंग को जख्मी करने की बात कही थी.