21 दिवसीय मिथिला पेंटिंग कोर्स का हुआ समापन, युवती व महिलाओं को डीआईजी ने दिये प्रमाण पत्र
सभी प्रशिक्षु इस कला से आपने जीवन यापन कर सकते हैं
वीरपुर. एसएसबी 45वीं बटालियन मुख्यालय में 15 जनवरी से शुरू हुए 21 दिवसीय कोर्स का शुक्रवार को समापन हो गया. एसएसबी पूर्णिया रेंज के डीआईजी राजेश टिक्कू ने अपने हाथों से सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र सौंपते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह मिथिला पेंटिंग एक रोजगार के रूप में विकसित होगा. सभी प्रशिक्षु इस कला से आपने जीवन यापन कर सकते हैं. पेंटिंग मानव विचार के लिए अभिव्यक्ति का एक जरिया है. यह कला आज पूरी दुनियां में फैली हुई है. उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी तथा आशा व्यक्त कि की मिथिला के धरोहर, उसके विरासत को आगे बढ़ाने में आप लोग प्रयासरत रहेंगे. जानकारी देते हुए एसएसबी 45वीं बटालियन के कमांडेंट गौरव सिंह ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले महिलाओं के लिए एसएसबी 45वीं बटालियन द्वारा 21 दिनों का मिथिला पेंटिंग प्रशिक्षण 15 जनवरी 2025 से शुरू की गई थी. जिसका समापन हो गया. एसएसबी अपने आदर्श वाक्य सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व पर अटल रहते हुए सीमा सुरक्षा की जिम्मेवारी के साथ साथ सीमा पर रहने वाले लोगों के बीच मित्रता भरे वातावरण में वहां के लोगों के लिए रोजगार उन्मुखी प्रशिक्षण संचालित कर उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान करने के दायित्व को भी पूरा कर रही है. इसी परंपरा को कायम रख कर बिहार के गौरवपूर्ण इतिहास को संजोते हुए मधुबनी पेंटिंग का कोर्स संचालित किया गया. यह कोर्स रामा फाउंडेशन के प्रशिक्षकों के देख रेख में चलाया गया. चित्रकारों ने करतल ध्वनि से हर्ष के साथ सहमति जताते हुए एसएसबी द्वारा उठाये गए महत्वपूर्ण कदम के लिए धन्यवाद दिया. इस मौके पर परियोजना निदेशक दिवेश कुमार पाण्डेय, जीवानंद, रिंकू, कुमारी रिया एसएसबी के अधिकारियों में द्वितीय कमान पदाधिकारी जगदीश कुमार शर्मा, डिप्टी कमांडेंट रुपेश शर्मा, शैलेश कुमार सिंह, सुदेश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक दीपक सोनार एवं आरक्षी सिरसाट गौरव मौजूद थे.
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