बहन कहते ही दुख-दर्द हुआ आम
सुपौल : आंगनबाड़ी सेविकाओं को कार्यक्रम में जब मंत्री लेसी सिंह ने बहन के तौर पर संबोधित किया, तो मंत्री के सामने सेविकाओं का दुख भी छलक आया. मंत्री के इस व्यवहार से सेविकाएं भी उनसे खुलकर अपना दुख बयां कीं. मंत्री ने भी देर नहीं लगायी और सेविकाओं से कहा कि उनके खिलाफ कोई […]
सुपौल : आंगनबाड़ी सेविकाओं को कार्यक्रम में जब मंत्री लेसी सिंह ने बहन के तौर पर संबोधित किया, तो मंत्री के सामने सेविकाओं का दुख भी छलक आया. मंत्री के इस व्यवहार से सेविकाएं भी उनसे खुलकर अपना दुख बयां कीं.
मंत्री ने भी देर नहीं लगायी और सेविकाओं से कहा कि उनके खिलाफ कोई भी अपमानजनक व्यवहार वह किसी भी कीमत पर बरदाश्त नहीं करेंगी. उन्होंने अधिकारियों को भी इसका अनुपालन करने का निर्देश दिया.
त्रिवेणीगंज प्रखंड अंतर्गत केंद्र संख्या-39 की सेविका हेलेन लियो सिंह ने कहा कि अबोध बच्चों के पोषण व विकास, धातृ महिला की सेवा एवं समाज के अन्य कल्याणकारी कार्यो में सेविका का अहम योगदान है. आइसीडीएस कार्यक्रम से बाल व मातृ मृत्यु दर में कमी आयी है. सेविकाओं को विपरीत परिस्थिति में यह कार्य करना पड़ता है. विभागीय अधिकारी एवं सामाजिक स्तर पर सेविकाओं को हेय दृष्टि से देखा जाता है, जो पीड़ादायक है.
उन्होंने व्यावहारिक पहलुओं को उजागर करते कहा कि टीएचआर वितरण की तिथि पर सभी की आंखें टिकी होती हैं, लेकिन सही मायनों में इस तिथि को सेविकाओं की रूह कांपती रहती है. पोषाहार के लिए प्राप्त राशि आवश्यकता से कम है. दाल का भाव 54 रुपये निर्धारित है, जबकि 71 रुपये किलो खरीद की जाती है. केंद्रों पर भवन, पेयजल, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. दूसरी ओर सेविका पर हमेशा चयन मुक्ति की तलवार लटकी होती है.
छातापुर के केंद्र संख्या 21 की सेविका बबीता झा ने कहा कि इतने कम मानदेय में सेविकाओं का जीवन-यापन काफी दुष्कर होता है, लिहाजा उनकी सेवा को तृतीय वर्ग में स्थायी किया जाये या फिर मानदेय की राशि में वृद्धि कर 15 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाये. किसनपुर प्रखंड अंतर्गत केंद्र संख्या-08 की सेविका सोनी कुमारी, सदर प्रखंड अंतर्गत केंद्र संख्या-127 की सेविका शहनाज परवीन, बसंतपुर के केंद्र संख्या-60 की सेविका प्रेमलता कुमारी एवं त्रिवेणीगंज स्थित केंद्र संख्या-19 की सेविका आशा देवी ने भी सेविकाओं के मानदेय एवं अन्य सुविधाओं में वृद्धि की आवश्यकता जताते हुए मंत्री से गुहार लगायी. उन्होंने सेविकाओं की पदोन्नति के लिए उम्र सीमा को समाप्त करने सहित अन्य कई मांगें रखीं.
हालांकि, तकरीबन सभी सेविकाओं ने मंत्री की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि आइसीडीएस के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि विभागीय मंत्री सेविकाओं से सीधे तौर पर रू-ब-रू हुईं. मौके पर बाल संरक्षण आयोग की सदस्य ललिता जायसवाल, अमर कुमार चौधरी, रामविलास कामत, डीपीओ रमेश कुमार ओझा सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे.