सुपौल. मंडल कारा में कैदियों के पुनर्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरसेटी द्वारा एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के तहत 35 कैदियों को अगरबत्ती बनाने की कला में प्रशिक्षित किया गया. गुरुवार को समापन समारोह के मौके पर सभी प्रशिक्षितों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. जेल अधीक्षक मोतीलाल ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य कैदियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने की दिशा में मदद करना है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में कैदियों को अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया, सामग्री के चयन, सही मिश्रण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के सभी पहलुओं की जानकारी दी गई. कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षकों ने कैदियों को बताया कि अगरबत्ती निर्माण न केवल एक साधारण कौशल है, बल्कि इसके माध्यम से रोजगार के अवसर भी प्राप्त किए जा सकते हैं. कहा कि हमारा उद्देश्य कैदियों को केवल सजा देना नहीं है, बल्कि उन्हें एक नई दिशा प्रदान करना है. इस तरह के प्रशिक्षण उनके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करते हैं. कैदियों ने भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर उत्साह दिखाया और इसे अपनी जिंदगी में बदलाव लाने वाला कदम बताया. उनका मानना है कि इस तरह के प्रयास उन्हें समाज में पुनः स्थापित होने का अवसर देंगे. यह पहल जेल सुधार और कैदियों के पुनर्वास की दिशा में एक सराहनीय कदम है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मददगार साबित हो सकता है. मौके पर सहायक अधीक्षक सह बंदी कल्याण पदाधिकारी रूदल राम, उपाधीक्षक शंभू कुमार दास आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है