काम करने पर लगायी रोक

सुपौल: शिक्षा विभाग में बिना पदस्थापन ही प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा डीपीओ का कार्य आवंटन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में आरडीडी प्रभाकर सिंह ने डीइओ मो जाहिद हुसैन के आदेश को स्थगित करते हुए डीपीओ अमर भूषण के कार्य करने पर तत्काल रोक लगा दी है. साथ ही डीइओ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2015 9:25 AM
सुपौल: शिक्षा विभाग में बिना पदस्थापन ही प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा डीपीओ का कार्य आवंटन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में आरडीडी प्रभाकर सिंह ने डीइओ मो जाहिद हुसैन के आदेश को स्थगित करते हुए डीपीओ अमर भूषण के कार्य करने पर तत्काल रोक लगा दी है.

साथ ही डीइओ को तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है. मालूम हो पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह ने इस मामले का खुलासा करते हुए आरडीडी से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की थी.

क्या है मामला
23 नवंबर को शिक्षा विभाग की अधिसूचना 4063 द्वारा बिहार शिक्षा सेवा के पदाधिकारी अमर भूषण का पदस्थापन जिले में डीपीओ के पद पर हुआ था. उन्होंने छह दिसंबर को कार्य आवंटन के लिए डीइओ को आवेदन दिया था. डीइओ ने 08 दिसंबर को अपने पत्रंक 323 द्वारा निदेशक प्रशासन सह अवर सचिव को अमर भूषण की सेवा वापस कर दी थी. डीइओ द्वारा जारी पत्र में कहा गया था कि जिले में स्वीकृत पांच डीपीओ योगदान देकर कार्यरत हैं और उन्हें कार्य आवंटित किया जा चुका है.
चार बार प्रयास कर चुके हैं अमर भूषण
सेवा वापसी के प्रस्ताव के बाद डीपीओ अमर भूषण चार बार जिले में कार्य ग्रहण करने के लिए प्रयास कर चुके हैं. 06 दिसंबर को पहली बार योगदान देने के बाद ही डीइओ ने उनका योगदान स्वीकृत करने से इनकार कर दिया. इसके बार 13 मार्च को आकस्मिक अवकाश और फिर 16 मार्च को डीपीओ ने डीइओ से वेतन भुगतान की मांग की. पर, डीइओ ने जिले में डीपीओ के योगदान की अनुमति नहीं होने का हवाला देते हुए भुगतान से इनकार कर दिया. इसके बाद डीपीओ किसी वरीय अधिकारी को गुमराह कर प्राथमिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान का कार्य आवंटन कराने में सफल हो गये. 06 अप्रैल को डीइओ के पत्रंक 430 से डीपीओ को यह कार्य सौंपा गया. मामले की जानकारी मिलते ही पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह ने आरडीडी को इसकी जानकारी दी और 07 अप्रैल को आरडीडी ने डीपीओ के कार्य करने पर रोक लगा दी.

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