निर्मली. विधिज्ञ संघ में 11 जनवरी, 2011 से 31 मई, 2015 के बीच हुई वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए संघ द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. टीम में भोला प्रसाद यादव, वीरेंद्र कुमार विमल तथा विजय कुमार साह शामिल हैं. टीम को एक पखवारे में अभिलेखों की जांच कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश गया है. मालूम हो कि उक्त अवधि में संघ द्वारा आय से अधिक व्यय दिखाया गया है. बताया जाता है कि उक्त अवधि के दौरान ग्राम पंचायत, पैक्स, विधानसभा एवं लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ, जिसे संघ की आय का श्रोत माना जाता है. बावजूद संघ फायदे की जगह नुकसान में चला गया. संघ का स्थानीय सेंट्रल बैंक की शाखा में दो खाता संचालित हैं, लेकिन उक्त अवधि में इन खातों में एक भी रुपये जमा नहीं किये गये. बल्कि पूर्व से जमा 35450 रुपये भी घट कर 9212 रुपये रह गये. वहीं वर्ष 2013 में एसबीआइ शाखा में खुले दो खातों में महज 24501 रुपये दिखाया गया है. मतलब यह कि पूर्व के अर्जित 35450 रुपये चार वर्ष चार महीने में ब्याज सहित घट कर 33713 रुपये पर पहुंच गये. संघ के अध्यक्ष रामलखन प्रसाद यादव ने बताया कि वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी द्वारा प्राप्त निर्देश के आलोक में कार्रवाई की जायेगी. मामला अधिक पेचीदा हुआ तो बिहार स्टेट बार काउंसिल की मदद ली जायेगी.
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वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए कमेटी गठित
निर्मली. विधिज्ञ संघ में 11 जनवरी, 2011 से 31 मई, 2015 के बीच हुई वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए संघ द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. टीम में भोला प्रसाद यादव, वीरेंद्र कुमार विमल तथा विजय कुमार साह शामिल हैं. टीम को एक पखवारे में अभिलेखों की जांच कर प्रतिवेदन […]
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