खतरा : क्षतिग्रस्त भवन की नहीं हुई मरम्मत

वीरपुर: वर्ष 2008 में कुसहा त्रसदी के दौरान क्षतिग्रस्त बाल विकास परियोजना कार्यालय भवन की अब तक मरम्मत नहीं हो पायी है. नतीजतन पदाधिकारी से लेकर कर्मी तथा आंगनबाड़ी सेविका जान जोखिम में डाल कर इस कार्यालय में रहने को विवश हैं. रही-सही कसर 25 मई को आये भूकंप ने पूरी कर दी. स्थिति यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2015 8:32 AM
वीरपुर: वर्ष 2008 में कुसहा त्रसदी के दौरान क्षतिग्रस्त बाल विकास परियोजना कार्यालय भवन की अब तक मरम्मत नहीं हो पायी है. नतीजतन पदाधिकारी से लेकर कर्मी तथा आंगनबाड़ी सेविका जान जोखिम में डाल कर इस कार्यालय में रहने को विवश हैं. रही-सही कसर 25 मई को आये भूकंप ने पूरी कर दी.

स्थिति यह है कि कभी भी यह क्षतिग्रस्त मकान ध्वस्त हो सकता है और दर्जनों लोगों की जान जा सकती है. ज्ञात हो कि कुसहा त्रसदी के दौरान बसंतपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कई सरकारी कार्यालय के भवन को क्षति पहुंची थी. इनमें से अनुमंडल न्यायालय भवन, उपकारा आदि के भवनों की मरम्मत कर पुन: उपयोग के लायक बनाया गया, लेकिन बाल विकास परियोजना कार्यालय को उसी स्थिति में छोड़ दिया गया.

पूर्व जिला पदाधिकारी कुमार रवि ने निरीक्षण के उपरांत भवन के मरम्मती का निर्देश दिया था, लेकिन उनके स्थानांतरित होते ही उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त इस भवन में 25 मई को आये भूकंप के कारण कई स्थानों पर दरारें पर गयी है. स्थिति यह है कि मजबूरन इसी क्षतिग्रस्त मकान में आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यदि शीघ्र ही इस भवन की मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण नहीं किया गया तो निकट भविष्य में एक बड़ी हादसा से इंकार नहीं किया जा सकता.

Next Article

Exit mobile version