संसाधन के अभाव में बीमार है एपीएचसी कोरियापट्टी

जदिया: अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरियापट्टी संसाधन के अभाव में खुद बीमार है. स्थापना काल के बाद से अब तक इस स्वास्थ्य केंद्र की सूरत व सीरत में खास परिवर्तन नहीं हुआ है. एक ओर जहां सरकार द्वारा सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के गरज से सरकार प्रयत्नशील है. वहीं यह स्वास्थ्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2015 9:31 AM
जदिया: अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरियापट्टी संसाधन के अभाव में खुद बीमार है. स्थापना काल के बाद से अब तक इस स्वास्थ्य केंद्र की सूरत व सीरत में खास परिवर्तन नहीं हुआ है. एक ओर जहां सरकार द्वारा सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के गरज से सरकार प्रयत्नशील है. वहीं यह स्वास्थ्य केंद्र विभागीय उपेक्षा का शिकार बन कर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. नतीजतन लोगों को निजी क्लिनिक अथवा कई किलोमीटर दूर अन्य सरकारी अस्पताल जाने की विवशता बनी हुई है.
एनएम के भरोसे चल रहा स्वास्थ्य केंद्र
एक बड़ी आबादी के लिए यहां उपचार का कोई बंदोबस्त नहीं है.चिकित्सकों स्वास्थ्य कर्मियों के अभाव के कारण इस स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के उपचार का जिम्मा छह एएनएम व एक परिचायक मो इस्लाम के कंधों पर है. सबसे विकट स्थिति तब उत्पन्न होती है जब चार संध्या चार बजे के बाद सभी एएनएम अपने त्रिवेणीगंज स्थित आवास लौट जाती है. क्योंकि उनके रहने का यहां कोई बंदोबस्त नहीं है.इस स्थिति में स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने वाले मरीजों को निराशा ही हाथ लगती है. नतीजतन मरीजों को निजी क्लिनिक पर निर्भर रहना पड़ता है अथवा अधिक दूरी तय कर अन्य अस्पताल जाने की विवशता बनी हुई है.
नहीं उपलब्ध है जीवन रक्षक दवा
स्वास्थ्य केंद्र में मेट्रोन,अल्वेंडाजोल व टेरामायसिन को छोड़ कर एक भी जीवन रक्षक दवा उपलब्ध नहीं है. नतीजतन लोगों को बाहर से दवा खरीद कर लाना पड़ता है.वहीं आउट सोर्सिग के तहत कार्यरत एनजीओ की मनमानी चरम पर है.इस संस्था द्वारा मरीजों को भोजन उपलब्ध नहीं करवाने के बावजूद कागजों पर ही लाखों का फरजीवाड़ा किया जा रहा है. सतरंगी चादर यहां आने वाले मरीजों के लिए सपना मात्र है. वहीं साफ-सफाई पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. एनजीओ की इस मनमानी से अधिकारी भी वाकिफ हैं.लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है.
चिकित्सक व कर्मियों का है घोर अभाव
जजर्र भवन में संचालित इस स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों का घोर अभाव है. हाल के दिनों में उपचार कराने के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि दर्ज की जा रही है. करीब दो दशक पूर्व इस स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी पर्याप्त संख्या में पदस्थापित थे, लेकिन आबादी बढ़ने के साथ-साथ मरीजों की संख्या में हुई वृद्धि के बावजूद विभाग द्वारा सुविधा बढ़ाने के बजाय इसमें कटौती ही की जा रही है.
मरीजों को नहीं मिल रही सुविधाएं
स्वास्थ्य केंद्र में उपचार हेतु पहुंचने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में यह स्वास्थ्य केंद्र अक्षम साबित हो रहा है.नतीजतन लोगों को 13 किलोमीटर की दूर पीएचसी छातापुर व 16 किलोमीटर की दूर रेफरल अस्पताल त्रिवेणीगंज जाना पड़ता है, जो क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
चिकित्सकों की कमी है. पूर्व में रेफरल अस्पताल से चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. उनके तबादले के बाद समस्या उत्पन्न हुई है. इस बाबत सिविल सजर्न को सूचित कर आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया गया है.
डॉ आरपी रमण, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी,त्रिवेणीगंज

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