कृषि वैज्ञानिकों ने कृषकों को दी उत्तम खेती की जानकारी

फोटो-02कैप्सन- गोष्ठी को संबोधित करते कृषि वैज्ञानिक प्रतिनिधि, राघोपुर राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा द्वारा कृषक गोष्ठी एवं प्रशिक्षण का आयोजन प्रखंड के अनुसूचित-जनजाति बाहुल्य गांव कलिकापुर में किया गया. अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, मृदा परीक्षण, फसल अनुक्रिया तथा मशरूम उत्पादन योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता मृदा विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2015 6:09 PM

फोटो-02कैप्सन- गोष्ठी को संबोधित करते कृषि वैज्ञानिक प्रतिनिधि, राघोपुर राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा द्वारा कृषक गोष्ठी एवं प्रशिक्षण का आयोजन प्रखंड के अनुसूचित-जनजाति बाहुल्य गांव कलिकापुर में किया गया. अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, मृदा परीक्षण, फसल अनुक्रिया तथा मशरूम उत्पादन योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता मृदा विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह मृदा परीक्षण एवं अनुक्रिया के मुख्य अन्वेषक डॉ एमपी सिंह ने किया. गोष्ठी में डॉ सिंह ने फसल के बेहतर उत्पादकता के लिए मृदा में पोषक तत्वों की मौजूदगी को आवश्यक बताया. साथ ही वर्मी कंपोस्ट के प्रयोग विधि की जानकारी से भी किसानों को अवगत कराया. उन्होंने गांव में कराये जा रहे प्रत्यक्षण कार्यों की जानकारी भी दी. मृदा वैज्ञानिक शंकर झा ने किसानों को मृदा के स्वास्थ्य की बेहतरी की जानकारी दी. विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विभाग के वैज्ञानिकों ने 35 महिलाओं एवं पुरुषों को मशरूम की खेती की तकनीक के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि मशरूम में उच्च गुणवत्ता के प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं. आदिवासी क्षेत्र में मशरूम खेती होने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. साथ ही प्रोटीन युक्त मशरूम की सब्जी भी किसानों को खाने के लिए उपलब्ध होगी. मौके पर किसानों के बीच मशरूम के बीज का भी वितरित किया गया. गोष्ठी को मुखिया नित्यानंद राय, ग्राम भारती के संतोष कुमार, कासा के पूर्वी जोन के प्रतिनिधि एंथोनी दास, आरएस सहाय, डॉ दयाराम आदि ने भी संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन आदिवासी समूह के सरदार सहदेव उरांव ने किया. मौके पर बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसान व ग्रामीण उपस्थित थे.

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