जीर्णोद्धार के बाद बदला धर्मशाला का नाम

सिंहेश्वर : सिंहेश्वर मंदिर परिसर में वर्षों पहले बनाये गये धर्मशाला ‘आस्था भवन’ का नाम अब ‘राजकिशोर धर्मशाला हो चुका है. यह बदला हुआ नामकरण धर्मशाला के जीर्णोद्धार कार्य के लिए राशि देने वाले दानदाता के अनुसार किया गया है. वहीं आस्था भवन के निकट ही करीब पैंतीस वर्ष पहले बने बड़ी धर्मशाला हॉल को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2015 4:48 AM

सिंहेश्वर : सिंहेश्वर मंदिर परिसर में वर्षों पहले बनाये गये धर्मशाला ‘आस्था भवन’ का नाम अब ‘राजकिशोर धर्मशाला हो चुका है. यह बदला हुआ नामकरण धर्मशाला के जीर्णोद्धार कार्य के लिए राशि देने वाले दानदाता के अनुसार किया गया है. वहीं आस्था भवन के निकट ही करीब पैंतीस वर्ष पहले बने बड़ी धर्मशाला हॉल को भी तोड़ कर मार्केट कांप्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है.

स्थिति यह है कि दो साल से मार्केट कांप्लेक्स का निर्माण कार्य ठप है. अब न्यास से न यह मार्केट कांप्लेक्स निगलते बन रहा है और न उगलते.

13 वर्ष पहले बना था अस्था भवन
वर्ष 2002 में सिंहेश्वर मंदिर परिसर में न्यास समिति ने नदी किनारे की तरफ से सीधे मंदिर परिसर में प्रवेश के रास्ते को बंद करते हुए बड़ी धर्मशाला हॉल से पश्चिम तरफ की जगह एक धर्मशाला का निर्माण कराया. इस धर्मशाला को ‘आस्था भवन’ नाम दिया गया.
अमेरिकी निवासी भारतीय ने कराया जीर्णोद्धार: वर्ष 2010 में न्यास समिति ने मूलरूप् से सिंहेश्वर के लालपुर सरोपट्टी के आप्रवासी भारतीय डाॅ अद्यानंद सिंह के प्रस्ताव पर आस्था भवन के जीर्णोद्धार कार्य की जिम्मेदारी दी.
न्यास के अनुसार आस्था भवन की खिड़की दरवाजे की लकड़ियां खराब हो चुकी थी. हालांकि चर्चा यह भी रही कि जीणाोद्धारकर्ता कार्य के दौरान खिड़की दरवाजे की लकड़ियों और लोहे को बेच दिया गया है. हालांकि अब आस्था भवन में बिजली की वायरिंग हो गयी थी. प्रांगण में पक्का फर्श बना दिया गया और कमरों में टाइल्स बिछा दिया गया. एक भव्य गेट का निर्माण भी हुआ. इस गेट पर जो नामकरण शिलापट लगा उस पर आस्था भवन की जगह ‘राजकिशोर धर्मशाला’ लिखा था. वर्ष 2011 की जनवरी में इस धर्मशाला भवन का उद्घाटन तत्कालीन न्यास के सचिव सह एसडीएम गोपाल मीणा की उपस्थिति में किया गया.

Next Article

Exit mobile version