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चार माह में 569 किलो गांजा बरामद, 10 तस्कर गिरफ्तार

बालू कोसी इलाके सहित सुपौल जिले के तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहा है

सुपौल. कोसी के दोनों तटबंध के बीच बसे लाखों लोग भले ही बालू भरी जमीन पर अपनी मेहनत के मुताबिक फसल उपजाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं, उनके लिए यह बालू भले ही अभिशाप साबित हो रहा है. लेकिन यह बालू कोसी इलाके सहित सुपौल जिले के तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहा है. हालांकि एसएसबी व बिहार पुलिस के जवानों की सक्रियता तस्करों की जुगाड़ पर भारी पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार 01 जनवरी से 30 अप्रैल तक एसएसबी व बिहार पुलिस के जवानों ने सीमावर्ती इलाके से 569 किलो गांजा जब्त किया. लेकिन इसके बाद भी तस्करों का मनोबल कम होने का नाम नहीं ले रहा था. एसएसबी व बिहार पुलिस ने तस्करों पर नकेल कसने के लिए तटबंध के अंदर जवानों को पैनी नजर बनाये रखने का आदेश दिया. बावजूद तस्कर जगह बदल-बदल कर रेत में गांजा छुपाकर रखने लगे. लेकिन जवानों की सक्रियता तस्करों के मनोबल को कुचल डाला. इतना ही नहीं तस्कर अब गांजा के साथ-साथ नेपाली, अंग्रेजी शराब व नशीली दवाइयां भी बालू में गड्ढा खोदकर रखने लगे हैं. जानकार बताते हैं कि तस्कर कोसी नदी के रास्ते नाव पर नेपाल से तस्करी का समान लाकर इसी तरह तस्करी करते है. तस्करों का गिरोह काफी लंबा होता है. नेपाल से नाव पर तस्करी का समान लादने के बाद तस्कर गिरोह के सदस्य हथियार से लैश होकर चलते हैं. ताकि जरूरत पड़ने पर काउंटर भी किया जा सके.

नदी के रास्ते नाव के सहारे लाया जाता है शराब

कोसी नदी के रास्ते नाव के सहारे तस्कर शराब व गांजा लाकर इलाके में तस्करी करते है. इसके लिए कई गिरोह कार्य कर रहा है. इस गिरोह में नेपाल सहित भारतीय मूल के तस्कर शामिल है. जानकार बताते हैं कि तस्करों का नेटवर्क काफी लंबा होता है. नाव पर शराब, गांजा व नशीली दवाइयां डाल कर तस्कर नाव को नदी में खोल देता है. जिसका निगरानी तस्कर का लाइजनर तटबंध पर बाइक से करता है. हल्की से प्रशासनिक चहल-पहल पर वह मुख्य तस्कर को सूचित कर देता है.

केस स्टडी – 0113 जनवरी को एसएसबी 45वीं बटालियन के शैलेशपुर बीओपी के जवानों ने विशेष गश्त ड्यूटी के दौरान 3.8 किलोग्राम तस्करी के गांजा को जब्त किया. हालांकि इस दौरान तस्कर मौके से फरार हो गया.

केस स्टडी – 02

10 फरवरी को एसएसबी 45वीं बटालियन के पिपराही बीओपी के चेक पोस्ट ड्यूटी के जवानों ने मोबाइल जांच के दौरान 03 किलो गांजे व एक बाइक के साथ दो तस्कर को गिरफ्तार किया.

केस स्टडी – 0324 फरवरी को एसएसबी 45वीं बटालियन के रिफ्यूजी कॉलोनी बीओपी के जवानों ने विशेष नाका ड्यूटी के दौरान एक ऑटो पर 51.750 किलोग्राम तस्करी के गांजा को जब्त किया. इस दौरान तीन लोग भी पकड़े गए हैं जिन्हें वीरपुर पुलिस को सौंप दिया गया.

केस स्टडी – 04

24 फरवरी को एसएसबी 45वीं बटालियन के रिफ्यूजी कॉलोनी बीओपी के जवानों ने विशेष नाका ड्यूटी के दौरान 52.300 किलोग्राम तस्करी के गांजा को जब्त किया हैं. इस कार्रवाई में दो तस्कर भी पकड़े गए जिसे बसमतिया ओपी पुलिस को सौंप दिया गया.

केस स्टडी – 05

27 फरवरी को एसएसबी 45वीं बटालियन के कुनौली बीओपी के जवानों ने गश्त ड्यूटी के दौरान 11 किलो 900 ग्राम गांजे व एक बाइक को जब्त किया हैं. हालांकि इस कार्रवाई में तस्कर मौके से फरार होने में सफल रहा.

केस स्टडी – 06

09 मार्च को एसएसबी 45वीं बटालियन के बनेलीपट्टी बीओपी के जवानों ने नाका के दौरान 93 किलोग्राम 80 ग्राम गांजा के साथ एक तस्कर क़ो पकड़ा जिसे कागजी कार्रवाई के बाद वीरपुर पुलिस क़ो सौंप दिया गया हैं.

केस स्टडी – 07

15 मार्च को एसएसबी 45 वी बटालियन के पिपराही बीओपी के जवानों ने विशेष नाका ड्यूटी के दौरान कोसी पूर्वी तटबंध के 7.80 किमी स्पर पर तस्करी के 41 किलोग्राम गांजा क़ो जब्त किया. हालांकि इस कार्रवाई में कारोबारी कोसी नदी में कूदकर फरार हो गया.

केस स्टडी – 08

22 मार्च को एसएसबी 45वीं बटालियन के फतेहपुर एवं भीमनगर बीओपी के जवानों ने संयुक्त रूप से विशेष नाका ड्यूटी के दौरान 68 किलो गांजे को जब्त किया. वहीं एक तस्कर भी पकड़े गए.

केस स्टडी – 09

22 मार्च को ललितग्राम पुलिस ने एनएच 57 सड़क पर मिरचैया नदी के समीप एक कार से डेढ़ क्विंटल गांजा बरामद किया.

केस स्टडी – 10

01 अप्रैल को नरपतपट्टी के समीप 21 किलो गांजा के साथ एक तस्कर गिरफ्तार

पुलिस पिकेट की हुई है स्थापना : एसपी

पुलिस अधीक्षक शैशव यादव ने कहा कि पुलिस द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है. तस्करों पर नकेल कसने के लिए तटबंध के अंदर भी गश्ती की जा रही है. किशनपुर प्रखंड में तस्करों पर नकेल कसने के लिए पिकेट की स्थापना की गयी है.

जवानों द्वारा नियमित रूप से की जा रही निगरानी : कमांडेंट

एसएसबी 45 वीं बटालियन के कमांडेंट गौरव सिंह ने कहा कि तस्करों पर नकेल कसने के लिए जवानों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जा रही है. इतना ही नहीं कोसी तटबंध के अंदर तस्करों पर नकेल कसने के लिए भी कार्य किया जा रहा है. तटबंध के अंदर पिकेट बनाये गये हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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