महिलाओं के हित में कार्य करने वाले प्रत्याशी को मिलेगा वोट

महिलाओं के हित में कार्य करने वाले प्रत्याशी को मिलेगा वोट फोटो- 1 से 8कैप्सन – राय शुमारी देते महिला मतदाता का फाइल फोटोसुपौल चुनाव के समय छुटभैये नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक अपना औहदा बरकरार रखने को लेकर मतदाताओं के बीच नये नये नीति व योजनाओं के लाभ दिये जाने की जानकारी दे रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2015 7:02 PM

महिलाओं के हित में कार्य करने वाले प्रत्याशी को मिलेगा वोट फोटो- 1 से 8कैप्सन – राय शुमारी देते महिला मतदाता का फाइल फोटोसुपौल चुनाव के समय छुटभैये नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक अपना औहदा बरकरार रखने को लेकर मतदाताओं के बीच नये नये नीति व योजनाओं के लाभ दिये जाने की जानकारी दे रहे हैं. यहां तक कि सुबह से लेकर संध्या तक सभी टोले मुहल्ले की गलियों में संगीत मय धुन के साथ विकास का नारा लगाया जा रहा है. आलम है कि प्रचार वाहनों पर सवार लोगों को सड़क किनारे जहां की गली थोड़ी लंबी दिखती है. उक्त स्थानों पर प्रचार वाहनों को दो चार मिनट खड़ी कर दी जाती है. ताकि उस जगह के वोटरों को संबंधित प्रत्याशी के चुनाव चिह्न उनके मन में बैठ जाय और मतदाता के दिन उन्हीं प्रत्याशी के पक्ष में अपना वोट करे. इस तरह के प्रचार – प्रसार से मतदाताओं द्वारा कयास लगाया जा रहा है कि उम्मीदवारों द्वारा महिला मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन महिला मतदाता भी जान रही हैं कि उनके क्षेत्र के लिए कौन प्रत्याशी बेहतर साबित होंगे. एक समय था जब महिलाओं को घर की लक्ष्मी समझ कर उन्हें घर तक ही सीमित रखा जाता था. समय के साथ लोगों के सोच में बदलाव हुआ. अच्छे जीवन जीने को लेकर अनेकों सामग्री जुटाने की आवश्यकता पड़ी. साथ ही सरकार द्वारा सूबे में विकासात्मक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गयी. तब जाकर पुरुष प्रधान समाज ने महिलाओं को बाहरी दुनियां में कदम रखने की इजाजत दिया. जिसका असर लोकतंत्र के महापर्व में देखने को मिल रहा है. कई दशकों से कोसी के इलाके से लाखों की संख्या में युवा व वुजूर्ग रोजी रोटी को लेकर बाहरी प्रदेशों को पलायन कर चुके हैं. जिस कारण घरेलू महिला बाजार तक का कार्य स्वयं निबटा रही है और देश – दुनियां की खबर से भी अवगत हो रही है. ऐसे में उम्मीदवारों द्वारा महिला मतदाताओं को रिझाना आसान नहीं लग रहा है.लोक तंत्र के महापर्व में प्रत्याशी निरीह होता है. चुनाव जीतने के उपरांत भले ही जन प्रतिनिधि एक दूसरे को भाव नहीं देते. लेकिन इस समय सभी उम्मीदवार अपने छुटभैये कार्यकर्ता सहित सभी मतदाताओं के समक्ष कर जोड़ कर सहानुभूति बटोरने के फिराक में रहते हैं. ये सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उत्साह के साथ महिला मतदाता संबंधित बूथ पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रही है. जिसका उदाहरण चुनाव के उपरांत वोट की गणना से पता चलता है कि इस चुनाव मंे महिलाओं की भागीदारी कितनी रही है. क्षेत्र का जन प्रतिनिधि कैसा हो और राज्य हित में किसकी सरकार बने. इस मुद्दे पर प्रभात खबर द्वारा ली गयी राय शुमारी में महिलाओं ने अपना विचार रखा. अंजना देवी ने बताया कि इस इलाके को जातिवाद, क्षेत्रवाद, रूढ़िवाद से ऊपर उठ कर विकास की राजनीति करने वाला जन प्रतिनिधि चाहिए. बताया कि आज के जन प्रतिनिधि द्वारा स्थानीय समस्या को छोड़ कर स्वार्थ की राजनीति की जा रही है. जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. खुशबू कुमारी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए बताया कि हमारा जन प्रतिनिधि ऐसा हो जो सिर्फ विकास की राजनीति करे और क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार मुहैया कराये. वर्तमान दौर में जन प्रति निधियों द्वारा महिलाओं के वोट बटोरने के चक्कर में बड़े – बड़े वायदे किये जा रहे हैं. जो कतई न्यायोचित नहीं है. पिंकी कुमारी ने बताया कि जन प्रतिनिधियों को सामाजिक सुरक्षा की बात करनी चाहिए. बताया कि लोकतंत्र में सबों को स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार प्राप्त है. अब भी समय है कि जन प्रतिनिधि महिलाओं के हित से संबंधित विकास को भी तरजीह दे. रंजू देवी का मानना है कि चुनाव में महिला मतदाता अपने मताधिकार के प्रयोग में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है. लेकिन चुनाव जीतने के उपरांत जन प्रतिनिधि द्वारा किसी प्रकार का पहल नहीं किया जा रहा है. जिस कारण महिलाएं आज भी बाहर निकलने में कठिनाई महसूस कर रही है. संजना कुमारी ने राय देते हुए बताया कि पुरुष का कार्य घर की आर्थिक र्स्थिति को मजबूत करना है. जबकि महिलाएं घर चलाने की बीड़ा संभाल रखी है. जन प्रतिनिधि को चाहिए कि सभी प्रकार की घरेलू सामग्री को सस्ते दर पर मुहैया करवाये. ताकि महिलाएं सभी प्रकार के रोजमर्रे सामग्री की खरीदारी कर सके. सावित्री कुमारी ने बताया कि वे इस महापर्व में मताधिकार का प्रयोग करेगी. लेकिन जन प्रतिनिधि के बारे में उन्होंने बताया कि सुपौल काफी पिछड़ा रहा है. जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि क्षेत्र में समावेशी विकास करने का प्रारूप तैयार करें ताकि महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो. जुगनू सिंहा ने अपनी राय देते बताया कि वर्तमान दौर में आर्थिक तंत्र हावी है. ऐसी स्थिति में जन प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र का आर्थिक स्थिति मजबूत करने की दिशा में कार्य करनी चाहिए. बताया कि जगह – जगह औद्योगिक व्यवस्था उपलब्ध कराया जाना चाहिए. इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी. पूजा सिंहा ने बताया कि आज कल राजनीति में जाति, वर्ग, संप्रदाय आदि का सहारा लिया जा रहा है. वहीं राज नेता द्वारा जगह – जगह अपने एजेंडा को छोड़ कर अन्य मुद्दों पर चर्चा किया जा रहा है. बताया कि लोकतंत्र के लिए यह शर्मनाक है. बताया कि इस समय राज नेता से लेकर स्थानीय उम्मीदवारों को महिलाओं के हित में विशेष चर्चा की जानी चाहिए.

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