प्रशासनिक उदासीनता के कारण झेलनी पड़ती है जाम की समस्या

जदिया : सुप्रीम कोर्ट द्वारा अतिक्रमण को लेकर भले ही सख्त निर्देश जारी किये गये हों लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण जदिया बाजार की प्रमुख दो सड़कें अतिक्रमण के चपेट में आ कर दिन ब दिन सिकुड़ती जा रही है.एसएच 76 एवं एसएच 91 पर हनुमान मंदिर से लेकर पेट्रोल पंप तक पूर्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2015 7:02 PM

जदिया : सुप्रीम कोर्ट द्वारा अतिक्रमण को लेकर भले ही सख्त निर्देश जारी किये गये हों लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण जदिया बाजार की प्रमुख दो सड़कें अतिक्रमण के चपेट में आ कर दिन ब दिन सिकुड़ती जा रही है.एसएच 76 एवं एसएच 91 पर हनुमान मंदिर से लेकर पेट्रोल पंप तक पूर्ण रूपेण अतिक्रमणकारियों का कब्जा है.

यहां अवैध रूप से सड़क पर ही ऑटो व बस खड़ा कर यात्रियों को चढ़ाये जाने के कारण दिन भर जाम की समस्या बनी रहती है.ऑटो चालकों की मनमानी का आलम यह है कि सड़क पर ही ऑटो खड़ी कर यात्रियों को चढ़ाया व उतारा जाता है.वहीं दूसरी ओर एसएच 91 का फुटकर विक्रेताओं द्वारा दोनों ओर से अतिक्रमण कर लिया गया है.

अतिक्रमण के कारण दिन ब दिन सिकुड़ रही इस सड़क की स्थिति यह है कि दिन में पांव पैदल आवागमन करने में भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण ही जदिया वासियों को हमेशा जाम की समस्या से जूझना पड़ता है.

नहीं है बस व ऑटो पड़ाव बाजार में बस या ऑटो के लिए पड़ाव नहीं है.यही वजह है कि ऑटो व बस के चालक बीच सड़क पर ही वाहन को खड़ा कर यात्रियों को चढ़ाते व उतारते हैं.जदिया बाजार का हृदय स्थली कही जाने वाले हनुमान मंदिर चौक की स्थिति तो काफी विकट है.यहां दोनों ओर अवैध रूप से बस एवं ऑटो चालकों द्वारा सड़क को ही स्टैंड बना दिया गया है.

जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.सबसे अधिक परेशानी शाम के समय होती है.जब स्थानीय लोग आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए बाजार का रुख करते हैं. प्रशासन बना है मूकदर्शक हनुमान मंदिर चौक के तीनों ओर व्याप्त अतिक्रमण से जहां आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं स्थानीय प्रशासन इस समस्या को लेकर मूक दर्शक बना है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस मंदिर के समीप अक्सर थाना की गश्ती गाड़ी लगी रहती है.जिस पर जवानों के साथ-साथ पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं.

लेकिन इस समस्या के प्रति पुलिस की उदासीनता लोगों की समझ से बाहर है.ऐसा प्रतीत होता है कि अतिक्रमणकारियों एवं ऑटो व बस चालकों के बीच प्रशासन का भय समाप्त हो गया है.

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