दत्तक ग्रहण आम उपहार नहीं : अंजू देवी

दत्तक ग्रहण आम उपहार नहीं : अंजू देवी फोटो – 7,8कैप्सन – संबोधित करते एसडीओ व उपस्थित जनप्रतिनिधि.प्रतिनिधि सुपौल बिहार राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण के आलोक में प्रखंड कार्यालय स्थित टीसीपी भवन में गुरुवार को जिप अध्यक्ष अंजू देवी की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए अध्यक्ष ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2015 6:37 PM

दत्तक ग्रहण आम उपहार नहीं : अंजू देवी फोटो – 7,8कैप्सन – संबोधित करते एसडीओ व उपस्थित जनप्रतिनिधि.प्रतिनिधि सुपौल बिहार राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण के आलोक में प्रखंड कार्यालय स्थित टीसीपी भवन में गुरुवार को जिप अध्यक्ष अंजू देवी की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि दत्तक ग्रहण उपहार नहीं, बल्कि जीवन ने उनको उपहार दिया है यह समझना चाहिए. दत्तक ग्रहण ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से मूल माता-पिता द्वारा परित्यक्त या दिये बच्चे और परिवार ही बच्चों को कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से सुरक्षा, आश्रय व स्नेह प्रदान किया जाता है. किशोर न्याय अधिनियम द्वारा किसी भी समुदाय के दंपती बच्चे को गोद ले सकते हैं. जिला बाल संरक्षण के सहायक निदेशक दिलीप कामत ने कहा कि दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता को स्थानीय मान्यता प्राप्त दत्तक एजेंसी या स्वैच्छिक समन्वय एजेंसी के साथ अपना निबंधन कराना चाहिए. इस प्रक्रिया से ग्रहण करने पर दंपती की इच्छा और उनके तत्संबंधी निर्णय का पता लगाया जाता है. सफल दत्तक ग्रहण में ऐसे बच्चे, जो उनसे संबंधित नहीं है. ऐसे दंपती की क्षमता का मूल्यांकन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. अनुमंडल पदाधिकारी एनजी सिद्दिकी ने संबोधित करते हुए कहा कि दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता जिनके ऊपर आपराधिक रिकार्ड न रहा हो. साथ ही एकल माता/ पिता को भी बच्चा गोद लिये जाने का प्रावधान दिया गया है. मौके पर बीडीओ आर्य गौतम, किसनपुर बीडीओ अलीशा कुमारी, बीडीओ पिपरा ज्योति गामी, बीडीओ सरायगढ़ वीरेंद्र कुमार सहित अनुमंडल क्षेत्र के पंचायत समिति सदस्य, मुखिया व अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.

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