जर्जर भवन में चल रहा है प्रखंड कार्यालय

जर्जर भवन में चल रहा है प्रखंड कार्यालय अधिकारी व कर्मी भय के साये में करते हैं काम फोटो-18,19कैप्सन- जर्जर भवन, छत में पड़ी दरारें,प्रतिनिधि, पिपरा क्षेत्र के विकास की योजनाएं जिस भवन में तैयार होती हैं, उस भवन की स्थिति ही काफी जर्जर है. यह हाल प्रखंड कार्यालय भवन का है. यहां अधिकारी व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 7:48 PM

जर्जर भवन में चल रहा है प्रखंड कार्यालय अधिकारी व कर्मी भय के साये में करते हैं काम फोटो-18,19कैप्सन- जर्जर भवन, छत में पड़ी दरारें,प्रतिनिधि, पिपरा क्षेत्र के विकास की योजनाएं जिस भवन में तैयार होती हैं, उस भवन की स्थिति ही काफी जर्जर है. यह हाल प्रखंड कार्यालय भवन का है. यहां अधिकारी व कर्मी भय के साये में प्रति दिन कार्य को गति देने में जुटे हैं. वर्ष 1960 में स्थापित यह कार्यालय आज भी पुराने व जर्जर हो चुके भवन में चल रहा है. विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाया जाने वाले इस स्थल पर अंचल कार्यालय के एक कर्मी की छत का चट्टा गिरने से सर फट गया था. जिससे वे जख्मी हो गये थे. आज कल विकास के मद् में सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही है. लेकिन इस प्रखंड कार्यालय के जीर्णोद्धार की दिशा में किसी वरीय अधिकारियों ने पहल नहीं की. जबकि इस जर्जर हो चुके भवन को लेकर वर्तमान बीडीओ ज्योति गामी ने वरीय अधिकारी को इसकी लिखित सूचना दी है. जिसके आलोक में पूर्व के जिलाधिकारियों द्वारा कार्यालय भवन का निरीक्षण निरीक्षण भी किया गया. बावजूद कार्यालय भवन के निर्माण की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की है. डर के साये में कार्य करने की है विवशताप्रखंड कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी भी डर के साये में कार्य करने को मजबूर हैं. जर्जर हो चुके भवन के छत का चट्टा कभी भी नीचे गिर जाता है. जिसके कारण हमेशा होने वाली दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. बावजूद कार्यों को संपादित करने की मजबूरी है. जुलाई 2015 में कार्यालय में कार्यरत अंचल कर्मी श्याम देव राम के सर पर कार्यालय छत का चट्टा गिरने से वे जख्मी हो गये थे. जिससे अंचल कार्यालय का कार्य प्रभावित हुआ था. कार्यों के निष्पादन में पड़ता है प्रभाव स्वाभाविक तौर पर डर के साये में कार्य करना मनुष्य के स्वभाव के विपरीत होता है. प्रखंड कार्यालय के जर्जर भवन कई मायनों में विकास कार्यों को प्रभावित कर रहा है. कार्यालय कार्यों के निष्पादन में समय के साथ एकाग्र भाव से कार्य करने की आवश्यकता होती है. लेकिन डर के साये में कार्यों का निपटारा संभव नहीं हो पाता है. ये स्वाभाविक प्रक्रिया है. भले ही विकास कार्यों के निष्पादन के लाख दावे किये जाय. हकीकत यही है कि जनहित का कार्य जर्जर भवन से काफी प्रभावित हो रहा है.कहतीं हैं अधिकारीप्रखंड विकास पदाधिकारी ज्योति गामी ने बताया कि जर्जर भवन को लेकर विभाग को लिखा गया है. फिलहाल किसी तरह मायनेज कर कार्यों को संपादित किया जा रहा है.

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