प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत, आक्रोश

छातापुर : पीएचसी छातापुर के प्रसव वार्ड से निजी अस्पताल लायी गयी प्रसूता की रविवार को मौत हो गयी. मृत 30 वर्षीया गुंजन देवी झखाड़गढ़ निवासी दिलीप यादव की पत्नी बतायी जाती है. गुंजन को शनिवार की रात प्रसव पीड़ा के बाद पीएचसी में भरती कराया गया था. यहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति में ड्यूटी पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2015 2:13 AM

छातापुर : पीएचसी छातापुर के प्रसव वार्ड से निजी अस्पताल लायी गयी प्रसूता की रविवार को मौत हो गयी. मृत 30 वर्षीया गुंजन देवी झखाड़गढ़ निवासी दिलीप यादव की पत्नी बतायी जाती है. गुंजन को शनिवार की रात प्रसव पीड़ा के बाद पीएचसी में भरती कराया गया था.

यहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति में ड्यूटी पर मौजूद एएनएम शांति देवी द्वारा प्रसव कराया जा रहा था. प्रसूता की लगातार बिगड़ रही स्थिति को देखते हुए एएनएम ने डॉक्टर को सूचित किये बगैर परिजनों से उसे दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा. अफरातफरी के बीच परिजन प्रसूता को लेकर निजी हॉस्पीटल पहुंचे, जहां उपचार शुरू होते ही उसकी मौत हो गयी. परिजनों गुंजन की मौत के लिए पीएचसी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है.

गुंजन की मौत के बाद जहां संस्थागत प्रसव पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं प्रसव वार्ड में चिकित्सीय व्यवस्था व निगरानी की पोल खुल गयी है. इधर मौत की खबर सुनते ही परिजनों के बीच कोहराम मच गया. तीन बच्चों के सिर से मां का साया छिन गया. परिवार के सभी सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है. लापरवाही से हुई मौत से आहत मृत गुंजन के पति सहित सास शीला देवी व कमली देवी ने बताया कि शनिवार को तकरीबन 10 बजे वे लोग गुंजन को लेकर पीएचसी पहुंचे.

वहां भर्ती लेने के बाद एएनएम द्वारा आवश्यक दवा मंगवायी गयी और दो घंटे में प्रसव सामान्य रूप से हो जाने का आश्वासन दिया गया. पर, डॉक्टर एक बार भी मरीज को देखने प्रसव वार्ड नहीं पहुंचे. तकरीबन चार बजे अचानक ही प्रसूता की गंभीर स्थिति बताते हुए उसे तुरंत बाहर ले जाने के लिये कहा जाने लगा. परिजनों ने गुंजन की मौत के लिए पीएचसी प्रबंधन को जिम्मेवार ठहराया है.

Next Article

Exit mobile version