ग्रंथ व अवशेष ही बताता है भारतीय संस्कृति की लोकप्रियता: साध्वी

ग्रंथ व अवशेष ही बताता है भारतीय संस्कृति की लोकप्रियता: साध्वी फोटो – 18,19,20कैप्सन – प्रवचन देते साध्वी व उपस्थित श्रद्धालुसिमराही यूँ हीं भारत धर्म प्रधान देश के नाम से नहीं जाने जाते है. इसके पीछे हमारे देश की विरासत व इस मिट्टी से उपजे अनेको महापुरुषो की कथाएं हैं. विविध जाति, धर्म संप्रदाय को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2015 7:28 PM

ग्रंथ व अवशेष ही बताता है भारतीय संस्कृति की लोकप्रियता: साध्वी फोटो – 18,19,20कैप्सन – प्रवचन देते साध्वी व उपस्थित श्रद्धालुसिमराही यूँ हीं भारत धर्म प्रधान देश के नाम से नहीं जाने जाते है. इसके पीछे हमारे देश की विरासत व इस मिट्टी से उपजे अनेको महापुरुषो की कथाएं हैं. विविध जाति, धर्म संप्रदाय को मानने वाले लोगो की आपसी भाई चारा है. देश की संस्कृति का बखान आज पुरी दुनियां में हो रही है. यह बातंे रविबार को तीन दिवसीय रामायण कथा प्रवचन के अंतिम दिन कथा वाचक साध्वी नीसा भारद्वाज ने धरहरा भीमशंकर स्थान में कही.प्रवचन के दौरान साध्वी भारद्वाज ने बताया कि धर्म ग्रथ में उल्लिखित महापुरुषो की कहानी व देश के कोने कोने में मिले धार्मिक अवशेषो से यह बात स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय संस्कृति कितनी लोकप्रिय है. उन्होंने रामायण कथा की प्रसंग राम सीता विवाह पर प्रवचन देते हुए बताया कि समाज में भाईयों का संबंध राम लक्ष्मण भरत व शत्रुघ्न की तरह होनी चाहिए. बताया कि पिता और पुत्र का संवंध राजा दसरथ एवं राम की तरह होनी चाहिए. समाज में बढ़ती कुरीतियां को हटाने के लिए आज जरुरत ही कि हम धार्मिक ग्रन्थ पर आधारित इस कथाओं को अपने जीवन में उतारे. बताया कि तभी समाज में फैल रही कुरीतियां का नाश होगा. साथ ही लोगों का धर्म के प्रति आस्था जगेगी. कार्यक्रम में सत्य नारायण यादव, प्रो सदानंद प्रसाद यादव, योगानंद साह, रामलखन मंडल ,जनार्दन प्रसाद साह, राजेन्द्र प्रसाद चौधरी, विनोद यादव सहित अन्य लोगो का अपेक्षित योगदान रहा. कार्यक्रम श्री भीमशंकर रामायण गोष्टी कमिटी की ओर से आयोजित करायी गयी थी.

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