अमन व शांति का पैगाम देता है इसलाम: मौलाना मेहंदी
अमन व शांति का पैगाम देता है इसलाम: मौलाना मेहंदी फोटो-15,16,17कैप्सन-कार्यक्रम को संबोधित करते मौलाना मदनी व विधायक, कार्यक्रम में शरीक सउदी अरब के मेहमान व उपस्थित लोगप्रतिनिधि, वीरपुरआइएसआइएस जैसे संगठन द्वारा वर्तमान समय में आतंकवाद फैलाया जा रहा है, इसका इसलाम धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है. यह बातें जमीयते अहले हदीस के जेनरल […]
अमन व शांति का पैगाम देता है इसलाम: मौलाना मेहंदी फोटो-15,16,17कैप्सन-कार्यक्रम को संबोधित करते मौलाना मदनी व विधायक, कार्यक्रम में शरीक सउदी अरब के मेहमान व उपस्थित लोगप्रतिनिधि, वीरपुरआइएसआइएस जैसे संगठन द्वारा वर्तमान समय में आतंकवाद फैलाया जा रहा है, इसका इसलाम धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है. यह बातें जमीयते अहले हदीस के जेनरल सेक्रेट्री शेख असगर अली इमाम मेहंदी ने रविवार को बसमतिया में आयोजित फलाहे इनसानियत कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि इसलाम मजहब अमन शांति का पैगाम देता है. लिहाजा आंतकवाद व दहशत फैलाने वाले लोग इसलाम के दुश्मन हैं. उन्होंने कहा कि पहले अंग्रेजों ने मुसलिमों के खिलाफ साजिश रची थी, अब आईएसआई जैसे संगठन हंगामा मचा रहे हैं. उन्होंने नौजवानों को गैर मुसलिम संगठनों से होशियार रहने की बात कही. मौके पर किसनगंज के मौलाना तनवीर जकी मदनी ने कहा कि वगैर शिक्षा के दुनिया में कोई कामयाब नहीं हो सकता. इस लिए मुसलिम समाज को शिक्षा पर बल देना जरूरी है. पटना के खुर्शीद आलम मदनी आखिरी नवी हजरत मोहम्मद के बताये हुए रास्ते पर चलने की नसीहत दी. वहीं इनामुलहक मदनी ने कहा कि मुस्लिम समाज में आज भी कई लोग अंधकार में हैं. मौलाना रिजवान ससफी ने कहा कि सच्चा मुसलमान कभी किसी को तकलीफ नहीं पहुंचा सकते. जबकि जामिया सलफिया बैरिया कमाल के अध्यक्ष निजाम मदनी ने अल्लाह के बताये रास्ते पर चलने की नसीहत दी. उन्होंने झूठ से दूर रहने और सच्चाई का रास्ता अख्यिातर करने का आह्वान किया.कार्यक्रम में सउदी अरब से आये शेख सउद आलगामेदीन ने अरबी भाषा में अपनी बात रखी. जिसका इमानुल हक ने अनुवाद किया. उन्होंने बच्चों को ईल्म देने तथा ढोंग से दूर रहने का गुजारिश किया. कार्यक्रम में शरीक विधायक अनिल यादव ने क्षेत्र के विकास के वादे पर अमल करने का आश्वासन दिया. मौके पर आयोजक डॉ अमानुउल्लाह मदनी ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया.कार्यक्रम का प्रारंभ कुरआन पाक के तिलावत से किया गया.कार्यक्रम को सफल बनाने में मौलाना अबुल कलाम, कौसर आजम,पूर्व मुखिया मो शमीम, सरपंच इब्राहिम अंसारी, डॉ अलाउद्दीन, मौलाना हबीबुर रहमान आदि ने अहम योगदान दिया. मंच संचालन मो निशारूल हक सनावली एवं कलमुउद्दीन द्वारा किया गया.