अहिंसा से ही संभव है हृदय परिवर्तन : महाश्रमण जी महाराज

अहिंसा से ही संभव है हृदय परिवर्तन : महाश्रमण जी महाराज फोटो -4,5 व 6प्रतिनिधि, सुपौल भगवान महावीर हो या गौतम बुद्ध, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, गुरुदेव तुलसी या आचार्य महा प्रज्ञ. समय-समय पर ऐसे अनेक महापुरुषों ने अपने क्रांत चिंतन द्वारा समाज का समुचित पथ प्रदर्शन किया. यह बातें तेरा पंथ धर्म संघ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2015 6:46 PM

अहिंसा से ही संभव है हृदय परिवर्तन : महाश्रमण जी महाराज फोटो -4,5 व 6प्रतिनिधि, सुपौल भगवान महावीर हो या गौतम बुद्ध, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, गुरुदेव तुलसी या आचार्य महा प्रज्ञ. समय-समय पर ऐसे अनेक महापुरुषों ने अपने क्रांत चिंतन द्वारा समाज का समुचित पथ प्रदर्शन किया. यह बातें तेरा पंथ धर्म संघ के 11 वें आचार्य महाश्रमण जी महाराज ने स्थानीय बबुजन विशेश्वर बालिका उच्च विद्यालय परिसर में आयोजित प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि यह अहिंसा यात्रा हृदय परिवर्तन द्वारा अंधकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान का अभियान है. बताया कि यह यात्रा कुरूढ़ियों में जकड़ी ग्रामीण जनता और तनावगस्त शहरी लोगों के लिए वरदान है. कहा कि यह यात्रा जाति, संप्रदाय, वर्ग और राष्ट्र की सीमाओं से परे यह यात्रा बच्चों, युवाओं और वृद्ध जनों के जीवन में सदगुणों की सुवास भरने जैसा है. 286 वर्ष पूर्व हुई तेरापंथ की स्थापनाआचार्य महाश्रमण जी ने बताया कि 286 वर्ष पूर्व आचार्य भिक्षु ने 13 संतों के साथ तेरा पंथ की स्थापना की. आचार्य ने बताया कि प्राणियों में नेत्र, कान, नाक, जिह्वा व त्वचा ये पांच इंद्रियां निहित हैं. कहा कि नेत्र को छोड़ प्राणी अन्य चार इंद्रियों से भोग प्राप्त करते हैं. बताया कि जिस प्राणी ने इंद्रियों को अपने वश में कर लिया, समझो उनका इस धरती पर जीवन सफल हो गया. मौके पर आचार्य द्वारा निकाली गयी अहिंसा यात्रा के तीन सूत्र ”मैं सदभावपूर्ण व्यवहार करने का प्रयत्न करुंगा, मैं यथा संभव ईमानदारी का पालन करूगा तथा मैं नशा मुक्त जीवन जीऊंगा” का उपस्थित लोगों को संकल्प करवाया गया.नौ नवंबर 2014 से निरंतर अहिंसा यात्रा आचार्य ने बताया कि बीते नौ नवंबर 2014 को राजधानी दिल्ली से अहिंसा यात्रा निकाली गयी है. जो कई देशों सहित भारत के विभिन्न प्रांतों में ज्योति प्रज्वलित कर रही है. बताया कि इस यात्रा के दौरान नेपाल, भूटान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम, मेघालय, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, बिहार के कई जिले में प्रवचन सभा का आयोजन किया गया है. बताया कि इससे पूर्व उनके गुरु आचार्य श्रीमहा प्रज्ञ के साथ सात वर्षों तक तकरीबन दस हजार किलोमीटर का यात्रा किया था. बताया कि आचार्य श्री के महाप्रयाण के बाद उन्होंने दो वर्षों में करीब तीन हजार किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा तय की है. आगमन पर उमड़ी भीड़सोमवार को आचार्य महाश्रमण जी महाराज अपनी धवल सेना के साथ जिला मुख्यालय प्रवेश करते ही तेरापंथ धर्म संघ के अनुयायी व अन्य गणमान्यों ने उनका अभिनंदन किया. मौके पर विधान परिषद के उप सभापति मो हारुण रशीद, पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना आदि मौजूद थे. इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कराया गया था. वहीं नगर परिषद द्वारा शहर के प्रमुख सड़कों की विशेष साफ-सफाई की गयी थी. वहीं इस मौके पर स्थानीय गांधी मैदान में आयोजित चिकित्सा शिविर में दूसरे दिन भी मरीजों की भारी भीड़ देखी गयी.

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