जिला मुख्यालय में नहीं है पड़ाव, लोगों को परेशानी

सुपौल : सूबे में विकास की बयार बह रही है. लोगों को यातायात की समुचित व्यवस्था उपलब्ध हो इसके लिए सड़कों को भी चकाचक किया जा रहा है. साथ ही शहरों को भी अत्याधुनिक सुविधा से लैस बनाया जा रहा है. बावजूद इसके जिला मुख्यालय की स्थिति बदतर बनी हुई है. आलम यह है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2015 6:48 PM

सुपौल : सूबे में विकास की बयार बह रही है. लोगों को यातायात की समुचित व्यवस्था उपलब्ध हो इसके लिए सड़कों को भी चकाचक किया जा रहा है. साथ ही शहरों को भी अत्याधुनिक सुविधा से लैस बनाया जा रहा है. बावजूद इसके जिला मुख्यालय की स्थिति बदतर बनी हुई है.

आलम यह है कि जिला मुख्यालय के आस पड़ोस के शहर व गांव के लिए चारों तरफ आवाजाही को लेकर प्रतिदिन सैकड़ों तीन पहिया व चार पहिया वाले छोटे वाहनों का परिचालन हो रहा है. लेकिन विभागीय अकर्मण्यता के कारण उक्त वाहनों के ठहराव को लेकर पड़ाव की समुचित व्यवस्था नहीं करायी गयी है. जिस कारण मुख्यालय स्थित सड़क के किनारे करीब दर्जनों स्थानों से इन वाहनों को चालकों द्वारा परिचालन किया जा रहा है.

स्थायी पड़ाव नहीं रहने के कारण जहां वाहन चालक व समीप के दुकानदारों के बीच नोंक झोंक की स्थिति उत्पन्न होती है. वहीं सड़क किनारे यात्रियों को वाहनों पर चढ़ाये व उतारे जाने से एक बड़ी दुर्घटना घटित होने की भी आशंका बनी रहती है. साथ ही अन्य वाहनों को जाम की समस्या से भी जूझना पड़ता है.चुंगी वसूली के बाद भी सुविधा विहीन वाहन पड़ाव को लेकर प्रत्येक वर्ष संबंधित विभाग द्वारा निविदा निकाली जाती रही है.

उक्त प्रक्रिया को पूरा कर संवेदक द्वारा प्रति ट्रिप वाहनों से चुंगी भी वसूल किया जाता है. लेकिन विभाग द्वारा वाहनों की संख्या को देखते हुए पड़ाव की व्यवस्था नहीं कराये जाने के कारण चालकों को सड़क किनारे वाहन खड़ी करने की विवशता रही है. मालूम हो कि मुख्यालय स्थित एक ऑटो पड़ाव संचालित है. जहां ना तो शुद्ध पेयजल उपलब्ध है और ना ही शौचालय ही शौचालय की व्यवस्था. यहां तक कि संध्या होते ही घूप अंधेरा छाया रहता है.

साथ ही यात्री के ठहराव को लेकर खुले आसमान के अलावा यात्रियों के लिए और कोई विकल्प दिखाई नहीं देता. सड़क किनारे अवैध ऑटो पड़ाव स्थायी ऑटो पड़ाव नहीं रहने के कारण मुख्यालय स्थित भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में चालकों द्वारा वाहनों को खड़ा किया जाता है. जिस कारण बाइक समेत पांव पैदल यात्रा कर रहे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

मालूम हो कि स्थानीय महावीर चौक, गुदरी बाजार, उत्तरी व दक्षिणी हट खोला पथ, लोहिया नगर चौक, चकला निर्मली स्थित विद्यालय के समीप, बीएसएस महाविद्यालय मोड़, मुख्यालय से पिपरा व किसनपुर की ओर जाने वाली सड़क सहित अन्य स्थानों पर अवैध रूप से वाहनों को लगाया जाता है.

जहां संवेदक के प्रतिनिधि द्वारा प्रति ट्रिप राजस्व का वसूल किया जाता है. विभागीय उदासीनता के कारण उक्त स्थानों से मुख्यालय के चहंुओर कराये जा रहे वाहनों के परिचालन से छात्रों सहित आम लोगों को भारी परेशानी होती है. कहते हैं वाहन चालक स्थानीय वाहन चालकों ने बताया कि वे सभी विभाग को ससमय कर चुकता कर रहे हैं.

लेकिन विभाग द्वारा वाहनों की संख्या के मद्देनजर पड़ाव की व्यवस्था नहीं करायी जा रही है. जिस कारण वे सभी यात्रियों की परिस्थिति के मुताबिक वाहनों को खड़ी करते हैं. बताया कि जिला मुख्यालय स्थित गांधी मैदान के समीप एक अस्थायी ऑटो पड़ाव संचालित है. जहां यात्रियों व चालकों के निमित्त किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराया गया है. चालकों ने यह भी बताया कि उक्त अस्थायी पड़ाव पर दो से तीन दर्जन वाहनों का ठहराव किया जा सकता है.

बताया कि विभाग द्वारा कम से कम मुख्यालय के पांच सौ मीटर की परिधि में चहुंओर एक- एक ऑटो पड़ाव की व्यवस्था करानी चाहिए. बताया कि चारों तरफ वाहनों के पड़ाव संचालित किये जाने से लोगों को अपने – अपने गंतव्य तक पहंुचने में कठिनाई का सामना नहीं होगा. चालकों ने बताया कि मुख्यालय की आवाजाही करने में खास कर महिला यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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