शहर की नियति बनी जाम की समस्या
शहर की नियति बनी जाम की समस्या फोटो – 5 व 6कैप्सन – लोहिया नगर में वाहनों का लगा जाम व ठेला व रेहरी की वजह से स्टेशन चौक पर लगा जामसुपौल जाम की समस्या जिला मुख्यालय वासियों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है. शहर में अक्सर लगने वाले जाम की समस्या […]
शहर की नियति बनी जाम की समस्या फोटो – 5 व 6कैप्सन – लोहिया नगर में वाहनों का लगा जाम व ठेला व रेहरी की वजह से स्टेशन चौक पर लगा जामसुपौल जाम की समस्या जिला मुख्यालय वासियों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है. शहर में अक्सर लगने वाले जाम की समस्या लोगों के परेशानी का कारण बना हुआ है. लोहिया नगर, महावीर चौक, स्टेशन चौक, थाना रोड सहित अन्य स्थानों पर नित दिन जाम लगना शहर की नियति बनती जा रही है. शहर में वायपास सड़क की कमी, सड़कों पर फैला अतिक्रमण, रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लाई ओवर का नहीं होना व यातायात नियमों का कराई से अनुपालन नहीं होना जाम का मुख्य कारण माना जाता है. समस्या के बाबत आम शहरियों द्वारा जाम की समाप्ति व अतिक्रमण हटाने हेतु कई बार प्रशासनिक पहल की मांग भी की गयी. बावजूद प्रशासन इस दिशा में अब तक उदासीन बना हुआ है. जिसका खामियाजा स्थानीय नागरिकों को उठाना पड़ता है. रेलवे क्रॉसिंग बना है जाम का केंद्र यू तो शहर के अन्य हिस्सों में भी अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न होती है. लेकिन लोहिया नगर स्थित रेलवे क्रॉसिंग जाम का प्रमुख केंद्र बना है. इस रेलवे क्रॉसिंग पर अक्सर वाहनों की जाम लगी रहती है. खास कर थरबिटिया की ओर आने जाने वाली छह जोड़ी ट्रेनों के समय जब रेलवे ढ़ाला बंद किया जाता है तो वहां सैकड़ों वाहनों की कतार लग जाती है. एन एच व एस एच सड़क के संपर्क पथ पर अवस्थित इस ढ़ाला की चौड़ाई आवश्यकता से काफी कम है. जबकि ढ़ाला के दोनों ओर मौजूद सड़कों को एसएच व एन एच का दर्जा मिल जाने के बाद चौड़ी करण कर दी गयी है. एन एच से जुड़ जाने के बाद उक्त सड़ कपर वाहनों का लौड भी काफी ब़ढ़ गया है. बावजूद रेल विभाग द्वारा क्रॉसिंग की चौड़ाई अब तक नहीं बढ़ाई गयी है. यही वजह है कि ढ़ाला से एक बार में महज दो वाहन ही पास कर पाती है. ऐसे में जाम लगना स्वाभाविक प्रतीत होता है. अतिक्रमण की वजह से सिकुड़ी सड़कें स्थानीय स्टेशन चौक, महावीर चौक जैसे स्थानों पर आये दिन जाम की समस्या आम हो गयी है. दरअसल इन स्थानों पर अतिक्रमण कारियों ने सड़कों पर कब्जा जमा रखा है. शहर में मौजूद दो – दो गुदरी बाजार व हाट के बावजूद सब्जी व फल विके्रताओं के साथ ही फुट कर दुकानदारों द्वारा उन सड़कों की जमीन पर खुलेआम दुकान व रेहरी लगाये जाते हैं. कई स्थायी दुकानदारो ने भी अपनी सीमा से आगे दुकान सजा रखा है. जिसकी वजह से सड़के दिन व दिन सिकुड़ती जा रही है. इन सड़कों पर वाहनों के प्रवेश के बाद स्थिति और भी दूभर हो जाती है. बाय पास सड़क की दरकार समस्या के मद्देनजर शहर में एक बाय पास सड़क की दरकार लंबे अरसे से महसूस की जा रही है. प्रशासन द्वारा पूर्व में लिये गये निर्णय के मुताबिक डिग्री कॉलेज से मेला रोड, विद्यापूरी, गजना रोड होते वाय पास सड़क का प्रावधान भी किया गया था. लेकिन निर्णय के अनुरुप इन सड़कों के स्तर में सुधार नहीं किया गया और ना ही शहर में नो इंट्री के अनुपालन पर बल दिया गया. नतीजा है कि नो इंट्री के बावजूद शहर में प्रवेश करने वाले वड़े वाहनों अक्सर जाम की वजह बनते हैं. ट्रेफिक पुलिस की नहीं है व्यवस्था जिले व मुख्यालय में यातायात नियमों का उल्लंघन आम बात हो चुकी है. ओवर लोडिंग व निर्धारित गति का उल्लंघन करने वाले वाहनों को कोई रोकने – टोकने वाला नहीं है. जिला बनने के 24 साल बीत जाने के बाद भी शहर में ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं की गयी है. ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं होने से वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का अनुपालन नहीं करना भी आये दिन जाम की वजह बनती है. शहर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से भी समस्या उत्पन्न होती है.