जाम की समस्या हुई विकराल

नो इंट्री के बाद भी शहर में प्रवेश करते हैं बड़े वाहन सुपौल : जाम की समस्या जिला मुख्यालय वासियों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है. लोहिया नगर, महावीर चौक, स्टेशन चौक, थाना रोड सहित अन्य स्थानों पर नित दिन जाम लगना शहर की नियति बनती जा रही है. समस्या के बाबत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2016 1:36 AM

नो इंट्री के बाद भी शहर में प्रवेश करते हैं बड़े वाहन

सुपौल : जाम की समस्या जिला मुख्यालय वासियों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है. लोहिया नगर, महावीर चौक, स्टेशन चौक, थाना रोड सहित अन्य स्थानों पर नित दिन जाम लगना शहर की नियति बनती जा रही है. समस्या के बाबत आम शहरियों द्वारा जाम की समाप्ति व अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार प्रशासनिक पहल की मांग भी की गयी. बावजूद प्रशासन इस दिशा में अब तक उदासीन बना हुआ है.
रेलवे क्रॉसिंग बना है जाम का केंद्र : यूं तो शहर के अन्य हिस्सों में भी अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न होती है. लेकिन लोहिया नगर स्थित रेलवे क्रॉसिंग जाम का प्रमुख केंद्र बना है. खास कर थरबिटिया की ओर आने जाने वाली छह जोड़ी ट्रेनों के समय जब रेलवे ढाला बंद किया जाता है, तो वहां सैकड़ों वाहनों की कतार लग जाती है. एनएच व एसएच सड़क के संपर्क पथ पर अवस्थित इस ढाला की चौड़ाई आवश्यकता से काफी कम है. जबकि ढाला के दोनों ओर सड़कों को एसएच व एनएच का दर्जा मिल जाने के बाद चौड़ीकरण कर दिया गया है. एनएच से जुड़ जाने के बाद उक्त सड़क पर वाहनों का लोड भी काफी बढ़ गया है.
सड़कों पर अतिक्रमण : स्टेशन चौक, महावीर चौक जैसे स्थानों पर आये दिन जाम की समस्या आम हो गयी है. दरअसल इन स्थानों पर अतिक्रमण कारियों ने सड़कों पर कब्जा जमा रखा है. शहर में मौजूद दो – दो गुदरी बाजार व हाट के बावजूद सब्जी व फल विक्रेताओं के साथ ही फुटकर दुकानदारों द्वारा उन सड़कों पर खुलेआम दुकान व रेहड़ी लगाये जाते हैं. कई स्थायी दुकानदारो ने भी अपनी सीमा से आगे दुकान सजा रखी है.
बाइपास सड़क की है दरकार : समस्या के मद्देनजर शहर में एक बाय पास सड़क की दरकार लंबे अरसे से महसूस की जा रही है. प्रशासन द्वारा पूर्व में लिये गये निर्णय के मुताबिक डिग्री कॉलेज से मेला रोड, विद्यापुरी, गजना रोड होते वाय पास सड़क का प्रावधान भी किया गया था.
पर निर्णय के अनुरुप न ही इन सड़कों के स्तर में सुधार नहीं किया गया और न ही शहर में नो इंट्री के अनुपालन पर बल दिया गया. नतीजा है कि नो इंट्री के बावजूद शहर में प्रवेश करने वाले वड़े वाहनों अक्सर जाम की वजह बनते हैं.
ट्रैफिक पुलिस की नहीं है व्यवस्था : जिले व मुख्यालय में ओवरलोडिंग व निर्धारित गति का उल्लंघन करने वाले वाहनों को कोई रोकने – टोकने वाला नहीं है. जिला बनने के 24 साल बीत जाने के बाद भी शहर में ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं की गयी है. ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं होने से वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का अनुपालन नहीं करना भी आये दिन जाम की वजह बनती है.

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