देश के सबसे बड़े नदी पुल पर 70 स्पैन का हो चुका है कार्य
सुपौल. मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल जिले के बकौर के बीच कोसी नदी में बन रहे देश का सबसे लंबा 10.2 किमी सड़क पुल के साथ 3.01 किमी का पहुंच पथ का कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जायेगा.
नदी पुल का डीएम ने किया निरीक्षण, जून 2025 तक स्पैन कार्य पूरा करने का दिया निर्देश, प्रतिनिधि, सुपौल. मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल जिले के बकौर के बीच कोसी नदी में बन रहे देश का सबसे लंबा 10.2 किमी सड़क पुल के साथ 3.01 किमी का पहुंच पथ का कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जायेगा. भारत के सबसे लंबे नदी पुल का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत पैकेज चार कोसी पुल व पहुंच पथ का निर्माण युद्ध स्तर पर जारी है. इस पुल के निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जायेगी. इस परियोजना की कुल लागत 1199.58 करोड़ रुपये है, इसमें 1101.99 करोड़ रुपये का सिविल कार्य शामिल है. यह परियोजना निर्माण एजेंसियों मेसर्स गैमन इंजीनियर्स एंड कॉन्ट्रैक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और ट्रांसरेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड (जॉइंट चेचर) द्वारा क्रियान्वित की जा रही है. 10.02 किमी लंबे इस पुल के 171 पिलर में से अधिकांश का निर्माण पूरा हो चुका है और 170 में से 70 स्पैन पर काम पूरा कर लिया गया है. शेष स्पैन का कार्य जून 2025 तक पूरा करने का सख्त आदेश दिया गया है. गुरुवार को डीएम कौशल कुमार बकौर-भेजा निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने इंजीनियरों व संवेदकों से कार्य में प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. दो अंडर पास का भी होगा निर्माण इस परियोजना के अंतर्गत 02 बड़े-बड़े अंडरपास है, इसमें एक अंडरपास का कार्य प्रगति पर है. इस परियोजना के अंतर्गत 04 पुलिया है. इतना ही नहीं परियोजना के अंतर्गत 01 टोल प्लाजा का भी निर्माण कराया जायेगा. साथ ही परियोजना के अंतर्गत 10.2 किमी लंबे पुल पर 06 बस पड़ाव का प्रावधान है. पुल के निर्माण से सुपौल-मधुबनी की दूरी हो कम हो जायेगी. इसके निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जायेगी. अभी लोगों को मधुबनी जाने के लिए किशनपुर, सरायगढ़ एनएच 57 होते हुए मधुबनी जाना पड़ता है.
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