विभागीय शिथिलता से किसान हो रहे हैं लाभ से वंचित

नहीं मिला डीजल अनुदान अनुदान की घोषणा होती है, पर वह भी समय से नहीं मिलता सुपौल : कोसी इलाके के लोगों की आजीविका का साधन मुख्य तौर पर खेती को ही माना जाता रहा है. प्राकृतिक मौसम उपयुक्त रहने के कारण किसानों द्वारा अधिकांश खेतों में तीन फसल की पैदावार की जाती है. साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 3:11 AM

नहीं मिला डीजल अनुदान

अनुदान की घोषणा होती है, पर वह भी समय से नहीं मिलता
सुपौल : कोसी इलाके के लोगों की आजीविका का साधन मुख्य तौर पर खेती को ही माना जाता रहा है. प्राकृतिक मौसम उपयुक्त रहने के कारण किसानों द्वारा अधिकांश खेतों में तीन फसल की पैदावार की जाती है. साथ ही किसान उक्त फसल को बेच कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते रहे हैं.
लेकिन इधर कुछ वर्षों से विभागीय शिथिलता के कारण किसानों को मुंह के खानी पड़ रही है. आलम यह है कि रबी मौसम को लगभग आधा समय बीतने को है. सरकार द्वारा घोषित डीजल अनुदान भी किसानों को उपलब्ध नहीं कराया गया है. साथ ही विभाग द्वारा समुचित मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जा सका है. इसे लेकर किसानों को फसल को समुचित मात्रा में खाद डाले जाने में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.
कृषि विभाग है उदासीन : जिले भर के किसानों को फसलों के पैदावार में परेशानी का सामना न करना पड़े. इसे लेकर सरकार द्वारा समय समय पर किसानों को अनुदानित दर पर खाद, बीज सहित फसल में उपयोग होने वाले अन्य सामग्रियों की उपलब्धता कराये जाने की भी घोषणा की जाती है.
लेकिन क्षेत्र के किसान उक्त सभी लाभ से वंचित रह रहे हैं. इस कारण किसानों को खेती में अधिक लागत लगाना पड़ रहा है. यहां तक कि सरकारी निर्देशानुसार बीते धान के फसल में किसानों को पांच पटवन का डीजल अनुदान मिलना चाहिए था. लेकिन मात्र एक अनुदान ही प्राप्त हुआ है.
विभागीय निष्क्रियता के कारण सरकार के आदेशानुसार मिलने वाले चार डीजल अनुदान स्थानीय विभाग का भेंट चढ़ गया. कमोबेश यही स्थिति रबी फसल की भी दिख रही है. रबी फसल में किसानों को बुआई के 22 दिन की अवधि पर पहली सिंचाई करना होता है. लेकिन उक्त सिंचाई का समय समाप्त हो चुका है. बावजूद इसके स्थानीय विभाग द्वारा किसानों को डीजल अनुदान का लाभ उपलब्ध नहीं कराया गया है.

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