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यहां-वहां भटकते रहे मरीज

मंगलवार की अर्द्धरात्रि से सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सकों की हड़ताल से जिले की चिकित्सा व्यवस्था पटरी से उतर गयी है. गुरुवार को भी मांगों के समर्थन में चिकित्सक हड़ताल पर डटे रहे. हालांकि इमरजेंसी में गंभीर रोगियों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन सामान्य मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है. सुपौल : […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2016 3:40 AM

मंगलवार की अर्द्धरात्रि से सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सकों की हड़ताल से जिले की चिकित्सा व्यवस्था पटरी से उतर गयी है. गुरुवार को भी मांगों के समर्थन में चिकित्सक हड़ताल पर डटे रहे. हालांकि इमरजेंसी में गंभीर रोगियों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन सामान्य मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है.

सुपौल : चिकित्सकों की हड़ताल गुरुवार का दूसरे दिन भी जारी रही. सदर अस्पताल की इमरजेंसी सेवा को छोड़ कर सभी निजी क्लिनिकों में ताला लटका नजर आया़ इसके कारण यहां की चिकित्सीय व्यवस्था पूरी तरह ठप रही़ सदर अस्पताल व निजी क्लिनिकों पर सामान्य मरीजों को दिखाने के लिए मरीज के परिजन यहां-वहां भटकते रहे. सबसे ज्यादा परेशानी सामान्य मरीजों को भुगतनी पड़ी.
हड़ताल पर रहे सभी चिकित्सक सदर अस्पताल में बैनर-पोस्टर लगा कर हड़ताल का समर्थन कर रहे थे़ आइएमए, भासा व आइडीए के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हड़ताल को चिकित्सकों ने सफल बताया़ कहा कि जब तक मांगों की पूर्ति नहीं की जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. हड़ताल का समर्थन कर रहे चिकित्सकों में डाॅ विश्व रंजन दास, डाॅ केपी सिंह, डाॅ बीके यादव, डाॅ शांति भूषण, डाॅ अभिषेक कुमार, डाॅ संतोष झा, डाॅ निर्मल चौधरी, डाॅ अनीत चौधरी, डाॅ संजय मिश्रा, डाॅ विनय कुमार, महेंद्र चौधरी, डाॅ विकास, डाॅ दिगंबर, डाॅ कर्ण अपूर्व, डाॅ अजीत श्रीवास्तव, डाॅ केके झा आदि
मौजूद थे़

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