फैसला. 2010 में गोली मार की गयी थी हत्या

पांच को आजीवन कारावास शुक्रवार को न्यायालय द्वारा हत्यारोपी रामानंद यादव, सुशील कुमार, चित्त नारायण यादव, शिव नारायण यादव तथा दिलीप यादव को आजीवन कारवास एवं अर्थ दंड की सजा सुनायी गयी है. न्यायालय द्वारा सभी आरोपियों को धारा 302/34 भादवि के तहत आजीवन कारावास एवं 20-20 हजार रुपये अर्थ दंड, धारा 307/34 भादवि के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2016 4:47 AM

पांच को आजीवन कारावास

शुक्रवार को न्यायालय द्वारा हत्यारोपी रामानंद यादव, सुशील कुमार, चित्त नारायण यादव, शिव नारायण यादव तथा दिलीप यादव को आजीवन कारवास एवं अर्थ दंड की सजा सुनायी गयी है. न्यायालय द्वारा सभी आरोपियों को धारा 302/34 भादवि के तहत आजीवन कारावास एवं 20-20 हजार रुपये अर्थ दंड, धारा 307/34 भादवि के तहत दस वर्ष कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थ दंड, धारा 120 बी के तहत दो वर्ष की सजा तथा 27 आर्म्स एक्ट के तहत तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनायी गयी है.
सुपौल : जिले के त्रिवेणीगंज में वर्ष 2010 में गोली मार कर बस पड़ाव के संवेदक के भाई की हत्या मामले में शुक्रवार को न्यायालय द्वारा सभी पांच आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 30-30 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी गयी है.
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय रंजन कुमार की अदालत द्वारा त्रिवेणीगंज थाना कांड संख्या 137/10 एवं सत्रवाद संख्या 93/11, 71/12, 252/12 एवं 93/13 की सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को गुरुवार को दोषी करार देते हुए सजा पर फैसला सुरक्षित रखा गया था.शुक्रवार को न्यायालय द्वारा हत्यारोपी रामानंद यादव, सुशील कुमार, चित्त नारायण यादव, शिव नारायण यादव तथा दिलीप यादव को आजीवन कारवास एवं अर्थ दंड की सजा सुनायी गयी है.
न्यायालय द्वारा सभी आरोपियों को धारा 302/34 भादवि के तहत आजीवन कारावास एवं 20-20 हजार रुपये अर्थ दंड, धारा 307/34 भादवि के तहत दस वर्ष कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थ दंड, धारा 120 बी के तहत दो वर्ष की सजा तथा 27 आर्म्स एक्ट के तहत तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनायी गयी है.सभी सजा साथ-साथ चलेगी.गौरतलब है कि 26 दिसंबर 2010 की रात त्रिवेणीगंज बस पड़ाव के संवेदक अनिल कुमार यादव के भाई उपेंद्र यादव की गोली मार कर हत्या घर जाने के क्रम में कर दी गयी थी.मामले को लेकर मृतक के भाई अनिल कुमार यादव द्वारा स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
जिसमें कहा गया था कि आरोपियों द्वारा बस पड़ाव की जमीन का अतिक्रमण कर जबरन निर्माण कार्य किया जा रहा था.उनके द्वारा रोके जाने के कारण प्रतिशोध में उक्त घटना को अंजाम दिया गया.फैसले को लेकर शुक्रवार को न्यायालय परिसर में काफी गहमागहमी का माहौल रहा.

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