सिमराही में जैन मंदिर परिसर से निकाली शोभायात्रा
सिमराही : प्रखंड के गणपतगंज स्थित जैन मंदिर परिसर में मंगलवार को भगवान महावीर की 2615वीं जयंती मनायी गयी. इस मौके पर जैन धर्म को मानने वाले व विभिन्न संप्रदाय के लोग मंदिर परिसर पहुंच कर भगवान महावीर की शोभा यात्रा में शामिल हुए. ढोल नगाड़े के साथ निकली शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में […]
सिमराही : प्रखंड के गणपतगंज स्थित जैन मंदिर परिसर में मंगलवार को भगवान महावीर की 2615वीं जयंती मनायी गयी. इस मौके पर जैन धर्म को मानने वाले व विभिन्न संप्रदाय के लोग मंदिर परिसर पहुंच कर भगवान महावीर की शोभा यात्रा में शामिल हुए.
ढोल नगाड़े के साथ निकली शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर जैन धर्म के जयघोष करते हुए ललित बालिका विद्यापीठ उच्च विद्यालय के रास्ते एनएच 106 होते हुए गणपतगंज पुरानीबजार आदि जगहों का भ्रमण किया. इस दौरान शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु महावीर भगवान के विभिन्न उपदेशों से संबंधित नारे लगा रहे थे.
599 ईसापूर्व हुआ था महावीर का जन्म: स्थानीय जैन धर्म को मानने वाले श्रद्धालु उद्योत्त चंद कोठारी ने बताया कि बड़े ही सौभाग्य की बात है कि भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व बिहार के पावन धरती वैशाली के लक्षवार ग्राम में एक राज घराने में हुआ था. उन्होंने अपने कर्म व तपस्या के बलपर संपूर्ण विश्व को शांति का पैगाम दिया. उन्होंने कहा कि अगर मानव भगवान महावीर की वाणी का ग्रहण करे तो संपूर्ण विश्व का कल्याण हो सकता है.
कठिन तपस्या ने महावीर को बना दिया भगवान: कहते हैं राज घराने में जन्म लेने के बावजूद महावीर ने राज सुख को त्याग कर हिंसक पशुओं वाले जंगल पावापुरी में जाकर 13 वर्षों तक कठिन तपस्या किया और अहिंसा व सत्य की राह को अपना कर पूरे विश्व में भगवान महावीर के नाम से प्रसिद्ध हो गये. इस अवसर पर टिकमचंद जैन, वीनू जैन, नंदू खजांची, अनिल भंडारी, नविन भंडारी, विक्की खजांची, संतोष शर्मा, राजेश अग्रवाल, श्याम किशोर सिंह, पप्पू साह, मो जियाउद्दीन, मो रहमान, पिंटू गुप्ता, जयप्रकाश भरतिया, दीपक शर्मा, चंदन राय आदि उपस्थित थे.