अपहरण के बाद खौफजदा हैं परिजन, गांव में तनाव
छातापुर : हथियार का भय दिखा कर शुक्रवार की रात एक 12 वर्षीया नाबालिग को उसके घर से जबरन उठा कर ले जाने के मामले में ने रविवार की शाम एक आरोपी मो शाकिर को उसके घर से ही गिरफ्तार कर लिया. हालांकि घटना के 40 घंटे बीत के बाद भी अपहृता की बरामदगी संभव […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
April 25, 2016 1:19 AM
छातापुर : हथियार का भय दिखा कर शुक्रवार की रात एक 12 वर्षीया नाबालिग को उसके घर से जबरन उठा कर ले जाने के मामले में ने रविवार की शाम एक आरोपी मो शाकिर को उसके घर से ही गिरफ्तार कर लिया. हालांकि घटना के 40 घंटे बीत के बाद भी अपहृता की बरामदगी संभव नहीं हो पायी है. हालांकि पुलिस दावा कर रही है कि अगले 24 घंटे के भीतर अपहृता को सकुशल बरामद कर कर लिया जायेगा. थानाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि गिरफ्तारी उसके घर से ही की गयी है. सोमवार को उसे न्यायिक हिरासत में सुपौल भेजा जाएगा.
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान जारी है. दुखद पहलू यह है कि स्थानीय पंचायत के जनप्रतिनिधि या गण्यमान्य वर्ग पंचायत चुनाव रहने के कारण मामले से परहेज बरत रहे हैं. जिस कारण अपहृता के परिजन भयभीत और चिंतित है कि उनकी पुत्री की सकुशल बरामदगी हो पायेगी या नहीं. मालूम हो कि छातापुर थाना क्षेत्र के मोहनपुर से शुक्रवार की रात राजेंद्र साह की 12 वर्षीय पुत्री को कटहरा गांव के मो मोजाहिद ने पिस्तौल का भय दिखाकर अन्य के सहयोग से उसके घर से उठा लिया था़ घटना के कारणों को लेकर गांव में तरह तरह की चर्चा व्याप्त है.
घटना के दौरान अपहृता के साथ की गयी मारपीट: अपनी पुत्री के लौटने की आस में घर के बरामदे पर बैठ बिलख रही अपहृता की मां पार्वती देवी ने रविवार को बताया कि रात तकरीबन नौ बजे अचानक पहुंचे़ आरोपियों ने पिस्तौल के बल पर उनकी पुत्री को घर से खींचकर बाहर निकाला और बाइक पर जबरन बिठाने के दौरान उनकी पुत्री ने जब इसका विरोध किया तो उसके साथ आरोपियों ने मारपीट भी की. पिस्तौल से लैस रहने के कारण चाह कर भी उसे नहीं बचाया जा सका और वह रोती चिल्लाती रही. बताया कि उनकी पुत्री किस हालत में होगी और उसके साथ किस प्रकार का बर्ताव होता होगा यह सोचकर वह परेशान हैं. बताया कि आरोपी जमशेद असामाजिक गतिविधि में संलिप्त रहता है.आशंका व्यक्त करते कहा कि आरोपियों द्वारा उनकी पुत्री की हत्या भी की जा सकती है या उसे किसी दूसरे के हाथ बेचा भी जा सकता है.
आरोपी ने नाबालिग की गरीबी को बनाया हथियार: अपहृता का परिवार गरीबी से जूझ रहा है.जिन्हें सिर्फ वासडीह की जमीन ही है.उक्त जमीन पर झोंपड़ीनुमा आशियाना बनाकर किसी प्रकार जीवन गुजारने वाले परिवार के मुखिया व अपहृता के पिता राजेंद्र साह व एक मात्र भाई भीम कुमार बाहरी प्रदेशों में मजदूरी कर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करता है. श्री साह अभी भी बाहरी प्रदेश में ही है. जबकि भीम 15 दिन पहले ही लौट कर घर आया है.भीम ने बताया कि पांच बहनों में चौथे नंबर की अपहृता पड़ोस के मसोमात तरीया देवी के खेत में राजमा तोड़ने गई थी.
राजमा तोड़कर लौटने पर तरीया देवी के घर पर ही आरोपी युवक की नजर अपहृता पर पड़ी. चूंकि आरोपी युवक का तरीया देवी से गहरा संबंध था जिस वजह से उसके घर आना जाना लगा रहता था. परिजनों ने बताया कि मनबढ़ु प्रवृति की तरिया देवी के सहयोग से ही युवक ने अपहृता को सब्जबाग दिखाकर अपहरण की योजना बनाई और सफलता पूर्वक उसे अंजाम दिया गया.