पेड़ के नीचे पढ़ने को विवश हैं छात्र

राघोपुर : प्रखंड के करजाइन पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय मुसहरी टोला बसावनपट्टी में वर्ग कक्ष का घोर अभाव है. इस वजह से यहां नामांकित बच्चे कभी पेड़ की छांव तो कभी अन्यत्र पढाई करने को विवश हैं. स्थिति यह है कि इस विद्यालय में अध्ययनरत छात्र व शिक्षकों को इस बात की जानकारी नहीं होती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2016 8:14 AM
राघोपुर : प्रखंड के करजाइन पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय मुसहरी टोला बसावनपट्टी में वर्ग कक्ष का घोर अभाव है. इस वजह से यहां नामांकित बच्चे कभी पेड़ की छांव तो कभी अन्यत्र पढाई करने को विवश हैं. स्थिति यह है कि इस विद्यालय में अध्ययनरत छात्र व शिक्षकों को इस बात की जानकारी नहीं होती कि अगले दिन कहां पढ़ाई होगी, लेकिन विभागीय अधिकारी छात्र व शिक्षकों के इस समस्या के प्रति उदासीन बने हुए हैं. नतीजा है कि सरकार द्वारा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के सारे दावों की यहां पोल खुलती नजर आ रही है़
पांच वर्ष पूर्व हुई स्कूल की स्थापना
जानकारी अनुसार राघोपुर प्रखंड के बसावनपट्टी स्थित मुसहरी टोला में करीब 500 की आबादी के लिए पांच वर्ष पूर्व इस विद्यालय की स्थापना की गयी थी. नामांकित छात्रों के अनुपात में शिक्षकों का भी पदस्थापन किया गया. लेकिन विभागीय अधिकारी सबसे अहम चीज भवन निर्माण की दिशा में कार्रवाई करना भूल गये.नतीजा है कि यहां अध्ययनरत बच्चे भवन के अभाव में खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं.
कहते हैं अधिकारी
इस बाबत पूछने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रमोद कुमार पासवान ने बताया कि उक्त जमीन का प्रस्ताव अनुमंडल पदाधिकारी के पास भेजा गया है. आदेश प्राप्त होने के बाद भूमि के निबंधन की कार्रवाई की जायेगी.
महादलित टोला निवासी मुंगलाल सादा, सहदेव सादा,अशोक सादा, कार्तिक सादा, लखन सादा, विजय कुमार, बलदेव सादा आदि ने बताया कि छात्रों की समस्या को देखते हुए उन लोगों ने स्थानीय जमींदारों से जमीन देने हेतु काफी आरजू-मिन्नत की. जमीन नहीं मिलने के बाद मुंगा लाल सादा ने अपनी जमीन विद्यालय को देने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को भेजा, जो कार्यालय में धूल फांक रहा है.दो वर्ष पूर्व श्री सादा द्वारा भेजे इस प्रस्ताव पर आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पायी है. अधिकारियों के इस उदासीनता का खामियाजा विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.

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