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गरीबों के लिए दुर्लभ हो जायेंगी स्वास्थ्य सेवाएं
सुपौल : सरकार द्वारा चिकित्सकों के लिए लागू किये गये नये क्लिनिकल इस्टेब्लिसमेंट एक्ट 2010 का जिला आइएमए ने विरोध किया. उन्होंने कहा है कि सरकार के इस एक्ट के विरोध में जिला आइएमए द्वारा 11 मई को समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है. साथ ही मांगों से संबंधित […]
सुपौल : सरकार द्वारा चिकित्सकों के लिए लागू किये गये नये क्लिनिकल इस्टेब्लिसमेंट एक्ट 2010 का जिला आइएमए ने विरोध किया. उन्होंने कहा है कि सरकार के इस एक्ट के विरोध में जिला आइएमए द्वारा 11 मई को समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है. साथ ही मांगों से संबंधित ज्ञापन डीएम को समर्पित किया जायेगा.
इस बाबत जिला आइएमए के सचिव डॉ बीके यादव ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए जानकारी दी. सचिव डॉ यादव ने सरकार द्वारा लाये गये इस नये कानून को पूरी तरह अव्यवहारिक बताया. उन्होंने कहा कि इस कानून में ऐसे कई प्रावधान हैं. जिनको पूरा करने में एकल चिकित्सक क्लिनिक व छोटे तथा मझोले नर्सिंग होम असमर्थ साबित होने के कारण बंद पर जायेंगे. इन शर्तों को पूरा करना सरकारी अस्पतालों के लिए भी कठिन है. ऐसे में केवल कॉरपोरेट अस्पताल में ही स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जायेगी. जो गरीब व असहाय जनता के लिये दुर्लभ व काफी महंगा साबित होगा.
डॉ यादव ने कहा कि संविधान की धारा 21 के अनुसार लोगों के जीवन की रक्षा व स्वास्थ्य की जिम्मेदारी केंद्र व राज्य सरकार की है. इमरजेंसी रोगियों को यथा संभव प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करना सभी चिकित्सकों का कर्तव्य है, लेकिन इस कानून के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार बिना किसी खर्च के अपने संवैधानिक दायित्व को चिकित्सकों पर थोपना चाहती है.
उन्होंने कहा कि संविधान के अंतर्गत हर किसी को अपने पेशा व कार्य की कीमत तय करने का अधिकार है. नये नियमावली में सरकार ने यह अधिकार अपने हाथों में ले लिया है जो विधि सम्मत नहीं है. उन्होंने कहा कि आइएमए हमेशा चिकित्सकों को उत्कृष्ट व मानवीय स्तर की सेवा देने के लिए नियमन का वकालत करता है, लेकिन इस कानून के माध्यम से सरकार चिकित्सकों पर अविश्वास करते हुए उनके सम्मान को ठेस पहुंचाना चाहती है.
नये नियम से चिकित्सा सेवा में इंस्पेक्टर राज कायम हो जायेगा. साथ ही भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा. यही वजह है कि आइएमए इस कानून को बिना संशोधन स्वीकार नहीं करने के लिएअडिग है. नये कानून के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. सरकार द्वारा अगर जोर-जबरदस्ती की गयी तो सभी चिकित्सा व स्वास्थ्य कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.
आंदोलन को सफल बनाने के लिए जिले में संपर्क अभियान चलाया जा रहा है. मौके पर प्रमंडलीय आइएमए के संयोजक डॉ ओपी अमन, प्रमंडलीय उपाध्यक्ष डॉ शांति भूषण आदि
मौजूद थे.
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