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कार्यपालक सहायक बहाली प्रक्रिया सवालों के घेरे में

डॉ अमन कुमार ने कहा है कि पैनल निर्माण प्रक्रिया सवाल और शंका से घिरा है सुपौल : बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम 2011 के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करने तथा अन्य कार्यालयों में आवश्यकतानुरूप कार्य लेने के लिए कार्यपालक सहायक का कोटिवार पैनल निर्माण में भारी पैमाने पर गड़बड़ी साफ नजर आ रही […]

डॉ अमन कुमार ने कहा है कि पैनल निर्माण प्रक्रिया सवाल और शंका से घिरा है

सुपौल : बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम 2011 के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करने तथा अन्य कार्यालयों में आवश्यकतानुरूप कार्य लेने के लिए कार्यपालक सहायक का कोटिवार पैनल निर्माण में भारी पैमाने पर गड़बड़ी साफ नजर आ रही है. उच्च पदाधिकारी के सख्त निर्देश के बावजूद भी निचले स्तर के कर्मियों के द्वारा खुलेआम धांधली की गयी है.
उक्त बातें लोहिया यूथ ब्रिगेड के प्रदेश सयोंजक डॉ अमन कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही. डॉ कुमार ने बताया है कि पैनल निर्माण प्रक्रिया सवाल और शंका से घिरा है. बताया कि प्रवेश पत्र के बिना किसी भी अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं था लेकिन प्रवेश पत्र में अभ्यर्थी का फोटो नहीं रहने के कारण अनुमानित 20 प्रतिशत अभ्यर्थी अपने बदले स्कॉलर बैठाने में सफल हो गये. इसकी जांच परीक्षा में लिए गए फोटो मिलान करके किया जा सकता है.
इतना ही नहीं परीक्षा हॉल में परीक्षार्थियों से लिखाए गए उत्तर पुस्तिका का मिलान करके भी किया जा सकता है. डॉ कुमार ने बताया है कि प्रवेश पत्र में जो ग्रुप बी में शामिल थे उसे ग्रुप ए. ग्रुप सी की उत्तर पुस्तिका दी गयी.
साथ ही कम्प्यूटर टंकण जांच परीक्षा में 26 प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को भी औपबंधिक मेघा सूची में नाम शामिल कर लिया गया है. हद तो यह है कि यहां कार्यालय पत्राचार की भाषा हिंदी रहने के वावजूद भी 5 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को भी उत्तीर्ण कर दिया गया है. डॉ कुमार ने कहा कि कार्यपालक सहायक के कोटि वार पैनल निर्माण /नियोजन हेतु दिनांक 14.02.2016 को सम्पन्न लिखित जांच परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थियों द्वारा दिए गए आपत्ति आवेदन के निष्पादन को लेकर मूल्यांकित प्रश्न सह उत्तर पुस्तिका की शत प्रतिशत जांच पुनः कार्यालय आदेश ज्ञापांक संख्या 472 .2 / स्थापना सुपौल दिनांक 26/03/2016 के आलोक में करायी गयी. दिनांक 13.04.2016 को जिला चयन समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में तदनुसार पूर्व के उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के अतिरिक्त 32 परीक्षार्थी लिखित परीक्षा में पूर्व निर्धारित कट ऑफ मार्क्स के अनुसार कोटिवार अहर्ता प्राप्त किये. जिसका व्यवहारिक कंप्युटर ज्ञान जांच परीक्षा दिनांक 19.04.2016 को ली गयी. जबकि इस आपत्ति आवेदन की सूचना दैनिक समाचार पत्र एवं जिला वेबसाइट के माध्यम से नहीं दिया गया. इतना के वावजूद भी पूर्व में उत्तर पुस्तिका जांच कर्ता के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गयी.डॉ कुमार ने कहा कि दिनांक 25 अप्रैल 2016 को ज्ञापांक संख्या 599.2 स्थापना सुपौल से जारी औपबंधिक मेधा सूची में 354 अभ्यर्थी को उत्तीर्ण घोषित किया गया. 30 अप्रैल 2016 तक आपत्ति लेकर आनन-फानन में दिनांक 13 मई 2016 को 519 अभ्यर्थी को उत्तीर्ण घोषित किया गया.
हैरत की बात यह है कि 25 अप्रैल 2016 को जारी सूची में पूर्व में घोषित दर्जनों उत्तीर्ण अभ्यर्थी का नाम जारी सूची से गायब है. डॉ कुमार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग प्रधान सचिव बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के निर्देशक, अपर मिशन निर्देशक, सहित तमाम प्रशासनिक पदाधिकारी एवं जिला चयन समिति सुपौल के अध्यक्ष -सह- जिला पदाधिकारी से की है.

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