गुनाहों से बरी होने की रात है शव-ए-बरात

वीरपुर : गुनाहों से बरी होने की रात को शबएबरात कहते हैं. इस रात में नबी सल्लाहो अलैयवस्सल्लम खुद इबादत करते थे और दूसरों को भी हुक्म देते थे. वे फरमाते भी थे कि यह रात मगफिरत की रात है जो इंसान शबेबरात को रात भर जाग कर खुदा की इबादत करता है, खुदा उसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2016 11:59 PM

वीरपुर : गुनाहों से बरी होने की रात को शबएबरात कहते हैं. इस रात में नबी सल्लाहो अलैयवस्सल्लम खुद इबादत करते थे और दूसरों को भी हुक्म देते थे. वे फरमाते भी थे कि यह रात मगफिरत की रात है जो इंसान शबेबरात को रात भर जाग कर खुदा की इबादत करता है, खुदा उसके गुनाहों को माफ कर देते हैं.

इस रात की फजीलत को जानते और समझते हुए मुसलमानों को खूब शब्बेदारी करनी चाहिये और विदअत वो खुराफात से गुरेज करना चाहिये. यह बातें शब्बेबरात की महत्ता पर बोलते हुए मुफ्ती मंसूर आलम सल्फी ने कही. शब्बेबरात की रात पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए मुफ्ती ने कहा कि इस रात को जो मगफिरत की दुआ मांगेगा,
इंसाअल्लाह उसकी दुआ जरूर कबूल होगी. कहा कि शब्बेबरात शावान के महीना में आता है और पूरे महीने नवी सल्लाहो अलैयहो वस्सल्लम पूरे माह इबादत करते थे और अहले अयाल को रमजान मुबारक की इबादत के लिये तैयार करते थे. इस महीने की गिनती भी वो खूब याद रखते थे. शब्बेबरात के बाद रमजान का महीना शुरू होता है. जो 07 जून से प्रारंभ होने वाला है. पर्व की तैयारी में मुस्लिम समुदाय के लोग अभी से जुट गये हैं.
मुफ्ती मंसूर सल्फी ने कहा कि शबेबरात की रात कुछ लोगों द्वारा मजारों पर चादर चढ़ाया जाता है. खिचड़ा भी पकाया जाता है तथा मोमबत्ती आदि भी जलाया जाता है, जो गलत है. ये सारी बातें शरियत की रौशनी में हराम है. गौरतलब है कि शब्बेबरात का त्योहार जिले में मुस्लिम भाईयों द्वारा पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है.

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