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18 बिंदुओं पर हुई जांच

विशेष जांच दल ने वर्ग-कक्ष, कार्यालय, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कंप्यूटर-कक्ष, कॉमन-रूम, खेल उपस्कर आदि बिंदुओं पर भी महाविद्यालय के प्राचार्य मोहम्मद मुस्तफा से जानकारी इकट्ठा की. शहर में इस जांच टीम के आने के बाद कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. वीरपुर : टॉपर घोटाला कांड के बाद बिहार की शैक्षणिक व्यवस्था की एक ओर […]

विशेष जांच दल ने वर्ग-कक्ष, कार्यालय, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कंप्यूटर-कक्ष, कॉमन-रूम, खेल उपस्कर आदि बिंदुओं पर भी महाविद्यालय के प्राचार्य मोहम्मद मुस्तफा से जानकारी इकट्ठा की. शहर में इस जांच टीम के आने के बाद कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
वीरपुर : टॉपर घोटाला कांड के बाद बिहार की शैक्षणिक व्यवस्था की एक ओर जहां पोल खुल कर रह गयी है वहीं परीक्षा परिणामों के बाद वित्तरहित कॉलेजों की जांच के क्रम में ‘विशेष जांच दल’ ने गुरुवार को वीरपुर स्थित मिल्लत कॉलेज की 18 बिंदुओं पर जांच की. जांच के क्रम में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सह सचिव रणधीर सिंह, एडीएम अरुण प्रकाश, पीओ राघवेंद्र प्रताप सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुधीर कुमार ने मिल्लत कॉलेज पहुंचकर आवश्यक जांच में सहयोग किया.
शहर में इस बात को लेकर चर्चा बनी हुई थी कि पिछले वर्ष के परीक्षाफल में राज्य स्तर पर वीरपुर स्थित जया महिला महाविद्यालय की 5-5 छात्राओं ने ‘वन टू टेन’ में स्थान सुरक्षित किया था. जया महिला महाविद्यालय की जांच नहीं कर आखिरकार मिल्लत कॉलेज की ही जांच क्यों हो रही है. जांच दल ने 2014-16, 2015-17 एवं 2016-18 में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या एवं 2016 में प्रकाशित परीक्षाफल के बिंदुओं पर जांच की. जांच दल ने वर्ग-कक्ष, कार्यालय, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कंप्यूटर-कक्ष, कॉमन-रूम , खेल उपस्कर आदि बिन्दुओं पर भी महाविद्यालय के प्राचार्य मोहम्मद मुस्तफा से जानकारी इकट्ठा की.
2016 में प्रकाशित परीक्षाफल में अंतर स्नातक कला की परीक्षा में सम्मिलित हुए 384 छात्र-छात्राओं में 119 छात्र-छात्राएं जहां प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए. वहीं द्वितीय श्रेणी से 173 एवं तृतीय श्रेणी से 04 छात्र उत्तीर्ण हुए, जबकि अंतर स्नातक विज्ञान संकाय में 191 छात्र-छात्राओं में 15 प्रथम श्रेणी से 89 द्वितीय श्रेणी से एवं 05 तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए. जांच दल के द्वारा कॉलेज के शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की छाया प्रति, महाविद्यालय के भूमि संबंधी कागजात, अन्यत्र नियोजित नहीं होने संबंधी घोषणा पत्र ,छात्र-छात्राओं की संख्या आय-व्यय का अद्यतन ब्योरा, सोसाइटी एवं शासकीय निकाय संबंधी कागजात की जानकारी ली गयी.
जांच दल को महाविद्यालय के प्राचार्य ने यह भी जानकारी दी कि महाविद्यालय को मिलने वाले नामांकन संबंधी आय से ही कॉलेज के भवनों का निर्माण कराया गया है. 2015-16 सत्र में विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह के द्वारा मात्र एक कमरे के लिए राशि आवंटित की गयी थी.
महाविद्यालय के पास वर्तमान में जहां 3 एकड़ 70 डिसमिल जमीन उपलब्ध है. वही 38 डिसमिल जमीन एकरारनामा के आधार पर मिला हुआ है. जांच के समय 28 शिक्षकों की जगह 17 शिक्षक जहां महाविद्यालय में उपस्थित थे वहीं नव शिक्षक छुट्टी का आवेदन देकर अनुपस्थित पाये गये.

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