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नौ पंचायत सचिवों पर गिरी गाज

कार्रवाई. आदेश के बावजूद नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र निगरानी को उपलब्ध नहीं बार- बार आदेश जारी होने के बावजूद नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र निगरानी को उपलब्ध नहीं कराने वाले नियोजन इकाई के सचिवों के विरुद्ध अब प्राथमिकी दर्ज करवाने की कार्रवाई की जा रही है. मंगलवार को सदर प्रखंड के नौ पंचायत सचिवों […]

कार्रवाई. आदेश के बावजूद नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र निगरानी को उपलब्ध नहीं

बार- बार आदेश जारी होने के बावजूद नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र निगरानी को उपलब्ध नहीं कराने वाले नियोजन इकाई के सचिवों के विरुद्ध अब प्राथमिकी दर्ज करवाने की कार्रवाई की जा रही है. मंगलवार को सदर प्रखंड के नौ पंचायत सचिवों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा आवेदन समर्पित किया गया है.
सुपौल : उच्च न्यायालय के आदेश पर निगरानी अन्वेशन ब्यूरो द्वारा सूबे भर में जारी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच मामले में अब विभागीय स्तर पर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी है. बार- बार आदेश जारी होने के बावजूद नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र निगरानी को उपलब्ध नहीं कराने वाले नियोजन इकाई के सचिवों के विरुद्ध अब प्राथमिकी दर्ज करवाने की कार्रवाई की जा रही है. मंगलवार को सदर प्रखंड के नौ पंचायत सचिवों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा आवेदन समर्पित किया गया है.
विभाग के इस कार्रवाई के बाद जिले में सक्रिय शिक्षा माफियाओं एवं फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बहाल नियोजित शिक्षकों में हड़कंप मच गया है. प्राप्त आवेदन के आलोक में पुलिस ने जांच प्रारंभ कर कार्रवाई शुरू कर दिया है.
थाना को दिये आवेदन में सदर प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नरेंद्र झा ने बताया है कि पटना उच्च न्यायालय में लोकहित याचिका सीडब्लूजेसी संख्या 15459/2014 रंजीत पंडित बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में पारित आदेश के तहत दिनांक 19 जुलाई 2016 को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने स्वयं उपस्थित हुए थे.
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने जांच के प्रगति की समीक्षा करते हुए आदेश जारी किया था कि एक निर्धारित समय सीमा के अंदर शेष बचे शिक्षकों का फोलडर एवं मेधा सूची नियोजन इकाई से प्राप्त कर निगरानी विभाग को उपलब्ध कराया जाय. प्रधान सचिव ने फोल्डर जमा करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई निर्धारित कर निर्देश दिया था कि संबंधित नियोजन इकाई से शिक्षकों का फोल्डर और मेधा सूची प्राप्त कर तत्काल समय सीमा के अंदर जिले में तैनात निगरानी विभाग के अधिकारियों को हस्तगत करवा दिया जाय.
इस कार्य में सहयोग प्रदान नहीं करने वाले नियोजन इकाई के विरुद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाने का आदेश दिया गया था. साथ ही संबंधित अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा जिला पदाधिकारी से करते हुए इसकी सूचना निगरानी विभाग को उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था. बीइओ ने बताया है कि विभागीय आदेश के बाद अपने कार्यालय पत्रांक 806 दिनांक 27 जुलाई 2016 के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं पंचायतीराज पदाधिकारी सुपौल को पत्र भेज कर संबंधित नियोजन इकाई से शेष बचे फोल्डर एवं मेधा सूची 29 जुलाई तक जमा करवाने का आग्रह किया गया था.लेकिन समय सीमा बीत जाने के बावजूद सदर प्रखंड के नौ पंचायत नियोजन इकाई द्वारा फोल्डर एवं मेधा सूची जमा नहीं किया गया.
खास बातें
बीइओ ने नौ पंचायत सचिवों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए थाना को दिया आवेदन
विभागीय आदेश के बावजूद नियोजन इकाई ने नहीं कराया फोल्डर जमा
विभाग के इस कार्रवाई के बाद शिक्षा माफिया एवं फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों में हड़कंप
इन पंचायत सचिवों के विरुद्ध हुई कार्रवाई
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा थाना को दिये आवेदन में जिन पंचायत सचिवों के विरुद्ध कार्रवाई का अनुरोध किया गया है, उनमें मुख्य रूप से सुखपुर-सोल्हनी पंचायत के पंचायत सचिव गोविंद झा, गोपालपुर सिरे पंचायत के पंचायत सचिव रामनाथ यादव, तेलवा पंचायत के मोल मिश्र, रामदत्तपट्टी पंचयत के रामनाथ यादव, कर्णपुर पंचायत के हरिनंदन यादव, मल्हनी पंचायत के देव कांत राव, बसबिट्टी पंचायत के हरि नंदन यादव, वीणा पंचायत के लक्ष्मी नारायण शास्त्री एवं बलवा पंचायत के दीना नाथ चौधरी शामिल हैं. इस बाबत पूछने पर सदर थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव ने बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा नौ पंचायत सचिवों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है.पुलिस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई कर रही है.

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