राशि नहीं देने पर की भाजपा नेता की पिटाई

सुपौल : लोकतांत्रित पद्धति में पुलिस को कानून एवं विधि व्यवस्था के रखवाली की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. बहुत सारे पुलिस कर्मियों ने इस जिम्मेदारी पर ईमानदारी व कर्मठता पूर्वक निर्वहण करते हुए अपनी जान तक की बाजी भी लगा दी है. जिसके कारण वे ना सिर्फ विभाग के लिये नजीर बने गये, बल्कि लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2016 5:49 AM

सुपौल : लोकतांत्रित पद्धति में पुलिस को कानून एवं विधि व्यवस्था के रखवाली की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. बहुत सारे पुलिस कर्मियों ने इस जिम्मेदारी पर ईमानदारी व कर्मठता पूर्वक निर्वहण करते हुए अपनी जान तक की बाजी भी लगा दी है. जिसके कारण वे ना सिर्फ विभाग के लिये नजीर बने गये, बल्कि लोगों में भी ऐसे जाबांज पुलिस कर्मियों के प्रति अटूट श्रद्धा व सम्मान व्याप्त है. लेकिन यह भी कठोर सत्य है

कि कुछ पुलिस वालों ने अपने भ्रष्ट आचरण व बेवजह दबंगई की वजह से पूरे पुलिस तंत्र को बदनाम कर रखा है. यही वजह है कि ऐसे पुलिस वालों के लिये सरकारी गुंडा और अन्य कई विशेषणों का प्रयोग किया जाता है. कुछ खास किस्म के इन पुलिस कर्मियों की वजह से ही पूरा पुलिस तंत्र भी बदनामी का दंश झेल रहा है. बावजूद हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर ऐसे पुलिस वाले अपने घिनौने करतूत से बाज नहीं आ रहे.

ऐसा ही एक वाकया मंगलवार को जिले के किसनपुर थाना क्षेत्र में उजागर हुआ. जहां वाहन चेकिंग के दौरान एक जमादार ने अवैध रकम नहीं दिये जाने पर एक संभ्रांत जन की वो हालत कर दी, जिसे सुनाने में भी पीड़ित को शर्मशार होना पड़ रहा है. पीड़ित ने मौके पर गिड़गिड़ाते हुए सभी कागजात मौजूद होने की बात कही. लेकिन जमादार द्वारा अवैध राशि नहीं देने पर पीड़ित को जम कर भद्दी गालियां दी गयी और उनकी बेरहमी से पिटाई भी की गयी. वर्दी के नशे में चूर इस दबंग जमादार के करतूतों ने पूरी मानवता को शर्मशार कर रख दिया है. पुलिस अधिकारी के इस रवैये से लोगों में काफी आक्रोश का माहौल व्याप्त है. वहीं दोषी अधिकारी की तुरंत गिरफ्तारी एवं उन्हें मुअतल करने की मांग भी की जा रही है.

भाजपा ने दी उग्र आंदोलन की धमकी
भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष के साथ किसनपुर थाना के जमादार द्वारा किये गये दुर्व्यवहार की भाजपा कार्यकर्ताओं ने निंदा की है. जिलाध्यक्ष नागेंद्र नारायण ठाकुर ने घटना की निंदा करते कहा है कि वाहन की जांच करना सही काम है, लेकिन बेवजह किसी संभ्रांत नागरिक के साथ दुर्व्यवहार करने की इजाजत पुलिस को नहीं दी गयी है. जिलाध्यक्ष ने दोषी जमादार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने, उन्हें गिरफ्तार करने एवं मुअत्तल करने की मांग की है.

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