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मिल रही है चौंकानेवाली जानकारी

दवा घोटाला. बढ़ायी जा सकती है समय सीमा, जब्त दवा की बन रही है सूची स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा अंजाम दिये गये करोड़ों रुपये के बहुचर्चित दवा घोटाला मामले में जांच की समय सीमा बढ़ायी जा सकती है. इसका कारण जब्त दवाओं की सूची पूर्ण रूप से तैयार नहीं होना है. जांच […]

दवा घोटाला. बढ़ायी जा सकती है समय सीमा, जब्त दवा की बन रही है सूची

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा अंजाम दिये गये करोड़ों रुपये के बहुचर्चित दवा घोटाला मामले में जांच की समय सीमा बढ़ायी जा सकती है. इसका कारण जब्त दवाओं की सूची पूर्ण रूप से तैयार नहीं होना है. जांच के दौरान टीम को कई चौंकानेवाली जानकारी मिली है.
सुपौल : दवा घोटाले की जांच कर रही टीम को सिविल सर्जन डॉ रामेश्वर साफी ने दवा खरीद से संबंधित कुछ संचिका उपलब्ध करवाया है. जांच टीम में शामिल जिला परिवहन पदाधिकारी विनय कुमार ने बताया कि सिविल सर्जन द्वारा प्रस्तुत संचिका का अवलोकन किया जा रहा है. कई और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जमा करने का निर्देश दिया गया है.
वहीं जब्त दवाओं की समुचित सूची तैयार नहीं होने के कारण अधिकारी द्वय ने भी जिला पदाधिकारी द्वारा तय किये गये समय सीमा के अंदर जांच संपन्न होने पर आशंका जाहिर की है. औषधि निरीक्षक नवीन कुमार सदल बल युद्ध स्तर पर दवाओं की सूची तैयार करने में जुटी हुई है. लेकिन जब्त दवाओं की मात्रा अत्यधिक रहने के कारण अनियमितता रहित सूची तैयार करने में अधिकारियों को समय लग रहा है.
हालांकि अधिकारियों ने इस परेशानी से जिला पदाधिकारी को अवगत कराने और जांच की समय सीमा बढ़ाये जाने का आग्रह करने की बात कही है. ज्ञात हो कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा जिला स्तर पर दवा क्रय करने के दौरान वित्तीय वर्ष 2014 से लेकर अब तक करोड़ों रुपये के घोटालों को अंजाम दिया गया है. इस मामले में हुई शिकायत के बाद प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश पर मामले की जांच की जा रही है.
जांच के प्रथम चरण में जब जांच टीम औषधि भंडार केंद्र में रखे दवाओं को जब्त कर सूची बनाने पहुंचे तो भंडार गृह के बगल स्थित शौचालय की टंकी में छिपा कर फेंके गये दवाओं की भारी खेप को बरामद किया गया था. दवा घोटाले को लेकर मचे हंगामा के बीच सोमवार को जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने दो अधिकारियों की एक जांच टीम का गठन कर घोटाले के इस प्रकरण के बिंदुवार जांच किये जाने का आदेश जारी किया है.
जब्त दवा की मात्रा ज्यादा रहने के कारण सूची बनाने में हो रही है देरी
मार्च में खरीदी, अगस्त में एक्सपायर
करोड़ों रुपये की दवा घोटाले को लेकर चर्चा का केंद्र बने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों की करतूत अब एक के बाद एक कर सामने आ रही है. घोटाले के जरिये दोनों हाथ से माल बटोरने में जुटे भ्रष्टाचारियों ने दवा खरीद के दौरान विभागीय आदेश की जम कर धज्जियां उड़ायी.
जिला औषधि भंडार केंद्र में जब्त दवाओं की सूची तैयार कर रहे जांच दल के अधिकारी भी दवाओं की स्थिति देख कर स्तब्ध हैं. जानकारी अनुसार सरकारी राशि से मार्च 2015 में क्रय की गयी दवा अगस्त 2015 में एक्सपायर हो गयी. वहीं अगस्त 2015 में जो दवाओं की खरीदारी की गयी वह दिसंबर 2015 में एक्सपायर होकर बरबाद हो गया. जिला पदाधिकारी के द्वारा गठित जांच दल इन सभी साक्ष्यों पर गंभीर नजर आ रही है.

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