बकरीद पर दिया समरसता का पैगाम
उत्सव . मौके पर पहुंच कर पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने लोगों को दी बधाई ईदगाह में नमाज अता करते मुसलिम भाई खबर मुख्यालय स्थित ईदगाह परिसर में सुबह के सात बजते ही लोगों की भीड़ जुटने लगी. जहां लोग निर्धारित समय पूर्वाह्न आठ बजे प्रारंभ होने वाले बकरीद के नमाज में शामिल […]
उत्सव . मौके पर पहुंच कर पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने लोगों को दी बधाई
ईदगाह में नमाज अता करते मुसलिम भाई खबर
मुख्यालय स्थित ईदगाह परिसर में सुबह के सात बजते ही लोगों की भीड़ जुटने लगी. जहां लोग निर्धारित समय पूर्वाह्न आठ बजे प्रारंभ होने वाले बकरीद के नमाज में शामिल हुए.
सुपौल : जिले भर में मुसलमान भाइयों द्वारा बकरीद पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. मंगलवार को सभी मुसलिम धर्मावलंबियों ने नये-नये परिधानों में सजधज कर जमात में शामिल होने के लिए चिह्नित स्थल पर निकल पड़े. मुख्यालय स्थित ईदगाह परिसर में सुबह के सात बजते ही लोगों की भीड़ जुटने लगी. जहां लोग निर्धारित समय पूर्वाह्न आठ बजे प्रारंभ होने वाले बकरीद के नमाज में शामिल हुए. नमाज अदा करने के उपरांत क्या बूढ़े,
क्या जवान, यहां तक कि बच्चों ने भी एक दूसरे से गले मिल कर बकरीद की बधाई दी. साथ ही एक दूसरे को घर पर होने वाले दावत में शरीक होने का दावत दिया. बधाई समाज के हरेक लोगों के बीच सामाजिक समरसता का भाव प्रकट कर रहा था. लोगों ने बताया कि वे परंपरा अनुरूप अल्लाह के सभी बंदे ससामर्थ्य अनुसार ईद उल जोहा के मौके पर बकरे की कुरबानी देंगे.
दिखा मेला जैसा दृश्य
ईद उल अजहा के मौके पर ईदगाह परिसर के आस पास मेला जैसा दृश्य उत्पन्न था. जहां फूटकर दुकानदारों द्वारा कई प्रकार की खाद्य सामग्री का स्टॉल लगाया गया था. साथ ही रंग बिरंगे खिलौना भी सजाया गया था. जहां नमाज अदा करने के बाद बच्चों ने जम कर मेला का लुत्फ उठाया.बच्चे रंग बिरंगे खिलौने के प्रति आकर्षित हो रहे थे तो कुछ बैलून उड़ा कर खुशी का इजहार करते दिखे. इन बच्चों के साथ बुजुर्गों की टोली भी हाथ मिला कर दुआ व सलाम करते बकरीद की खुशियां जताते दिखे. इधर पूर्व केंद्रीय मंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैय्यद शाहनवाज हुसैन के जमात में शामिल होने पर स्थानीय लोगों में काफी खुशी देखी गयी. नमाज के उपरांत सैय्यद हुसैन बुजुर्गों से मिले. साथ ही युवाओं को बधाइयां देते हुए कहा कि बकरीद सामाजिक समरसता का पर्व है. उनकी इच्छा सदैव रही है कि हरेक पर्व त्योहारों में सुपौल पहुंच कर लोगों के बीच बचपन की याद ताजा करे.
दिन भर चला मिलन का दौर
जिले भर में एक दूसरे के घर आने जाने का दौर चलता रहा. साथ ही दावत भी परोसा गया. कई लोगों ने बताया कि इस्लाम धर्म के अनेकों पर्व में बकरीद एक महत्वपूर्ण पर्व है. इस पर्व में लोग एक दूसरे से मिलते हुए अल्लाह से समाज के लोगों को बरकत देने की दुआ भी मांगते हैं. पर्व अमीर व गरीब के बीच की दूरी को भी मिटाता है. जिस कारण कुरबानी की वस्तु को तीन हिस्से में लगाया जाता है. ताकि समाज के सभी लोगों मेंअसहजता का भाव महसूस ना हो. अमीर व गरीब के घरों में सभी की थाली में एक ही प्रकार का खाना परोसा जाता है.