सुधार नहीं, स्थिति भयावह

समस्या. 130 गांवों में बसे दो लाख की आबादी परेशान कई दिनों से हुई मूसलधार बारिश के बाद कोसी नदी के जल स्तर में हुई वृद्धि से कोसी तटबंध के भीतर भारी तबाही मची हुई है. सुपौल : नेपाल स्थित पहाड़ी इलाके एवं कोसी नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में विगत कई दिनों से हुई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2016 6:17 AM

समस्या. 130 गांवों में बसे दो लाख की आबादी परेशान

कई दिनों से हुई मूसलधार बारिश के बाद कोसी नदी के जल स्तर में हुई वृद्धि से कोसी तटबंध के भीतर भारी तबाही मची हुई है.
सुपौल : नेपाल स्थित पहाड़ी इलाके एवं कोसी नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में विगत कई दिनों से हुई मुसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि से कोसी तटबंध के भीतर भारी तबाही मची हुई है.
मंगलवार को कोसी बराज से इस वर्ष का सबसे अधिक डिस्चार्ज दो लाख 98 हजार 215 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया.इस वजह से कोसी नदी के जलस्तर में हुई व्यापक वृद्धि से तटबंध के भीतर जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया.हालांकि बुधवार को कोसी बराज पर डिस्चार्ज 01 लाख 64 हजार 400 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो घटने के क्रम में है.लेकिन तटबंध के भीतर बसे लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है.प्रति वर्ष बाढ़ एवं विस्थापन के दंश को झेलने के लिए अभिशप्त कोसी के लोग जहां-तहां पूर्वी कोसी तटबंध एवं अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं.
जबकि अभी भी हजारों की संख्या में लोग तटबंध के भीतर स्थित अपने गांवों में ही डटे हुए हैं.तटबंध के भीतर बाढ़ के पानी से घिरे लोगों के समक्ष भोजन-पानी की घोर समस्या उत्पन्न हो गयी है.
हालांकि प्रशासन द्वारा तटबंध के सभी नाजुक बिंदुओं पर नजर रखी जा रही है.वहीं बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्यवाही आरंभ कर दी गयी है. गौरतलब है कि सैकड़ों वर्षों से जारी कोसी की तबाही के मद्देनजर देश की आजादी के बाद सरकार द्वारा नदी को दो तटबंधों के बीच कैद कर इसे नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया था. इसके तहत सन‍ 1955 से 1964 के बीच भीमनगर में कोसी बराज एवं कोपरिया तक पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध का निर्माण किया गया.

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