प्रकाश उत्सव का पर्व दीपावली आज

उत्साह. बाजारों में बढ़ी रौनक, लोगों ने किया जमकर खरीदारी दीपावली को लेकर जिले के बाजारों में रौनक बढ़ गयी है. रविवार को दीपावली का त्योहार जिले में धूमधाम के साथ मनाया जायेगा. जिसको लेकर लोगों काफी उत्साह है. सुपौल : खुशियों और रोशनी का पर्व दीपावली को लेकर जिले के बाजारों में रौनक बढ़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2016 5:31 AM

उत्साह. बाजारों में बढ़ी रौनक, लोगों ने किया जमकर खरीदारी

दीपावली को लेकर जिले के बाजारों में रौनक बढ़ गयी है. रविवार को दीपावली का त्योहार जिले में धूमधाम के साथ मनाया जायेगा. जिसको लेकर लोगों काफी उत्साह है.
सुपौल : खुशियों और रोशनी का पर्व दीपावली को लेकर जिले के बाजारों में रौनक बढ़ गयी है. रविवार को दीपावली का त्योहार जिले में धूमधाम के साथ मनाया जायेगा. जिसको लेकर लोगों द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारी की गयी है. घर आंगन व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की साफ-सफाई व रंग रोगन के बाद खरीदारी का दौर शुरू हो गया है.यही वजह है कि शनिवार को बाजार में काफी गहमा-गहमी देखी गयी. बाजार में पटाखे,दीप, मूर्तियां,
सजावट के सामान व रंग-बिरंगे बल्ब, झालर आदि की दुकानें सजायी गयी है. जहां लोग देर शाम तक खरीदारी करते देखे गये.हालांकि पाकिस्तान व चीन से भारत के बिगड़ते रिश्ते की वजह से इस वर्ष चायनीज सामानों की बिक्री में काफी गिरावट देखी जा रही है.दीपावली के अवसर पर लख्मी-गणेश के पूजन की भी तैयारी की जा रही है. वहीं माल गोदाम, मलहद तथा वार्ड नंबर एक स्थित बीआरसी भवन के समीप काली पूजा की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है.गौरतलब है कि कार्तिक मास के अमावस्या के अवसर पर दीपावली के साथ ही काली पूजा का भी आयोजन किया जाता है.
पटाखों के प्रति बच्चों में है गजब का उत्साह : दीवाली के अवसर पर फुलझड़ियां व पटाखे चलाने की पौराणिक परंपरा रही है.यही वजह है कि दीवाली के मौके पर बड़ी मात्रा में पटाखों की खरीद की जाती है. इस वर्ष भी स्थानीय स्टेशन चौक, महावीर चौक, लोहिया नगर, स्टेशन रोड, गांधी मैदान रोड, थाना रोड, हटखोला रोड आदि स्थानों पर सैकड़ों की संख्या में पटाखे की दुकान सजी है. पटाखों के प्रति बच्चों व युवा वर्ग में खासा उत्साह देखा जा रहा है. हालांकि बढ़ते महंगाई के दौर में पटाखों के कीमत में भी अप्रत्याशित उछाल आया है. बावजूद खुशियों के इस अवसर पर लोग परंपरा के निर्वहन में कोई कमी नहीं कर रहे हैं.
फुलझड़ी से लेकर हाइड्रो बम की है डिमांड : दीपावली को लेकर बाजार में तरह-तरह के पटाखे मौजूद हैं. हालांकि बीते वर्ष की तुलना में इनकी कीमत में दस से बीस प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है. महावीर चौक के पटाखा विक्रेता राजीव कुमार बताते हैं कि समय के बदलते दौर में अब लोग तेज आवाज वाले पटाखों की जगह जगमग रौशन करने वाले पटाखों को अधिक पसंद कर रहे हैं.
जीवित है उका-पाती की परंपरा : हिंदुओं के इस प्रसिद्ध त्योहार के मौके पर पौराणिक संस्कृति की छाप आज भी देखी जा रही है.आधुनिकी करण के दौर में भी ग्रामीण क्षेत्र की महिला व पुरुषों द्वारा हुक्का-पाती बना कर बाजार में बेचा जा रहा है. काफी संख्या में ग्राहक इसे खरीद भी रहे हैं.जूट के संठी से बने हुक्का-पाती को दीवाली के मौके पर जला कर दरिद्रता को घर से बाहर निकालने एवं लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी पारंपरिक रूप से आज भी निभायी जा रही है. मिथिला व कोसी क्षेत्र के गांव में विशेष कर यह परंपरा आज भी जीवंत है.
आधुनिकता के दौर में गुम हो रहे मिट्टी के दिये : दीवाली के अवसर पर सदियों से मिट्टी के दीप व ढिबरी जलाने की परंपरा रही है. हालांकि बदलते दौर में लोगों ने मिट्टी से बने दीप व अन्य सामग्रियों से कन्नी काटना शुरू कर दिया है. इनकी जगह बिजली के बल्ब व झालर को तरजीह दी जा रही है. यही वजह है कि मिट्टी के दिये तथा अन्य सामानों के बिक्री में काफी गिरावट आयी है.
स्टेशन चौक के समीप मिट्टी का दीप बेच रहे राजू कुमार पंडित ने बताया कि इस वर्ष दीप की बिक्री तो ठीक-ठाक हुई है. लेकिन ढिबरी को लोग नहीं पसंद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि लोगों की ख्वाहिसों को देखते हुए उनके द्वारा जिले में पहली बार बड़े डिजायनर दीप का निर्माण किया गया है.जो बड़े बाजारों की तुलना में काफी सस्ता भी है. लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं. हालांकि कुंभकार श्री पंडित ने मिट्टी के दिये व बरतनों की बिक्री में दिन ब दिन हो रहे ह्नास पर चिंता जतायी. उन्होंने बताया कि पर्व त्योहारों के मौकों पर कुंभकारों द्वारा बड़े मनोयोग व उम्मीदों के साथ मिट्टी के सामग्रियों का निर्माण किया जाता है. बावजूद इनकी अपेक्षित रूप से बिक्री नहीं हो पाने के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है. साथ ही रोजी-रोटी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है.
मिट्टी के दिये बेच रहा कुंभकार व पटाखे की दुकान पर खरीदारी करते लोग.
पटाखों की कीमत
फुलझड़ी 05 से 300 रुपये पैकेट
रॉकेट 80 से 250 रुपये पैकेट
महताब 200 से 240 रुपये पैकेट
नागिन 15 से 20 रुपये पैकेट
चॉकलेट 40 रुपये पैकेट
हाइड्रो 100 से 120 रुपये पैकेट
सामग्रियों की कीमत
मिट्टी के दीप 80 रुपये सैकड़ा
ढिबरी 200 रुपये सैकड़ा
चौमुख दिया 05 रुपये प्रति पीस
डिजायनर दीप 05 रुपये प्रति पीस

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