रसोइयों के हक की हो रही अनदेखी
विरोध. 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे रसोइये रसोइया संघ के आह्वान पर मंगलवार को जिला मुख्यालय में रसोइयों ने विरोध मार्च निकाला. इस दौरान राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वक्ताओं ने कहा कि महज 30 रुपये रोज के मजदूरी पर रसोइया से काम कराया जा रहा है. सुपौल : मध्याह्न […]
विरोध. 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे रसोइये
रसोइया संघ के आह्वान पर मंगलवार को जिला मुख्यालय में रसोइयों ने विरोध मार्च निकाला. इस दौरान राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वक्ताओं ने कहा कि महज 30 रुपये रोज के मजदूरी पर रसोइया से काम कराया जा रहा है.
सुपौल : मध्याह्न भोजन रसोइया संघ के आह्वान पर मंगलवार को जिला मुख्यालय में सैकड़ों रसोइया कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकाल कर राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान रसोइया कार्यकर्ताओं ने अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में नारे भी लगाये. नगर भ्रमण के बाद यह जुलूस गांधी मैदान पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया. सभा में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार न्यूनतम मजदूरी कानून के पालन का दंभ भर रही है.
वहीं दूसरी तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की डगर पर जूझने वाले रसोइयों के हक की अनदेखी की जा रही है. सरकार की इस दोरंगी नीति के विरुद्ध रसोइया कार्यकर्ता अब अपने अधिकार की प्राप्ति के लिए उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. महज 30 रुपये रोज के मजदूरी पर एक रसोइया पूरे दिन स्कूल में झाड़ू लगाने से ले कर खाना बनाने और बरतन साथ करने का काम करता है, लेकिन रसोइयों को 30 रुपये मजदूरी का भुगतान भी वर्षों से नहीं किया गया है.
अपने हक की अनदेखी को लेकर जब सभी रसोइये एकजुट हुए तो सरकार उचित हक देने के बजाय साजिश करने पर उतर गयी और एनजीओ के माध्यम से मध्याह्न भोजन परोसने की बात कही जाने लगी. वर्षों से काम कर रहे रसोइयों को एमडीएम से अलग रख कर एनजीओ के माध्यम से मध्याह्न भोजन पकाने व परोसने का विरोध किया जायेगा. रसोइयों के विरुद्ध कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध एकजुटता के साथ आंदोलन चलाया जायेगा.
बैठक के दौरान आगामी रणनीति की चर्चा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि फरवरी 2017 तक सभी जिला के अनुमंडल स्तर पर विरोध मार्च निकाल कर सरकार का ध्यान आकृष्ट करवाया जायेगा. मांगों पर विचार नहीं होने के बाद 10 फरवरी से सभी रसोइया अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे. बैठक में कामेश्वर राम, राधा देवी, खखरी देवी, टुनियां देवी, इनर देवी, मीना देवी, रंभा देवी, बुधनी देवी, सुनीता देवी, मिथिलेश साह, संजय मंडल आदि उपस्थित थे.
एक वर्ष से नहीं मिला मानदेय
सरकार की उपलब्धियों में मध्याह्न भोजन योजना की गिनती प्रमुखता के साथ की जाती है, लेकिन बानगी देखिये इस महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालने वाले रसोइया कार्यकर्ता हद तक बेहाल बने हुए हैं. महज एक हजार रुपये मासिक मानदेय पर हाड़तोड़ मेहनत करने वाल रसोइया कार्यकर्ताओं को गत एक वर्ष से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. मंगलवार को गांधी मैदान में सभा के दौरान रसोइया कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्हें गत एक वर्ष से मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है.
स्कूल के प्रधानाध्यापक आवंटन नहीं रहने का बहाना बना कर टाल देते हैं. रसोइया कार्यकर्ता ने बताया कि इस अल्प मानदेय का भुगतान नहीं होने के कारण जीवन यापन मुश्किल हो रहा है. वहीं संघ के नेताओं ने कहा कि सरकार मानदेय भुगतान रोक कर रसोइया कार्यकर्ताओं को मानसिक रूप से परेशान कर रही है. सरकार की मंशा है कि रसोइया स्वयं नौकरी छोड़ कर भाग जाये.
नेतृत्व के नाम पर ठगी
अल्प मानदेय भोगी रसोइया के भोलेपन का फायदा कुछ शातिर लोग भी उठा रहे हैं. हाल के दिनों में दूसरे जिला से पहुंचे कुछ संस्थाओं ने रसोइया कार्यकर्ताओं के हक की लड़ाई लड़ने के नाम पर रसोइयों का आर्थिक शोषण किया है. रसोइया मीना देवी, सुनीता देवी, बलभद्र मंडल, बुधनी देवी आदि ने बताया कि कटिहार जिले की एक संस्था ने रसोइया कार्यकर्ताओं के बीच एक फॉर्म बांट दिया और भरे हुए फॉर्म के साथ एक सौ रुपये जमा करने का फरमान जारी किया है.
वहीं कटिहार जिले की इस संस्था ने फर्जी रूप से प्रधानमंत्री जीवन बीमा संगठन नाम की संस्था से सभी रसोइयों को बीमा करवाने का निर्देश भी दिया है. वहीं रसोइया कार्यकर्ताओं ने बताया कि पूर्व में एक संस्था परिचय पत्र जारी करने और हाइकोर्ट में रसोइयों के अधिकार को लेकर याचिका दायर करने के नाम पर प्रत्येक कार्यकर्ता से 50-50 रुपये की वसूली कर फरार हो चुका है.